चुनाव प्रचार थमा अब डोर टु डोर सम्पर्क होगा, मतदाताओं का पलायन तथा चुप्पी ने हलाकान किया

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ 

इन दिनों क्षेत्र में चुनावी बुखार चढ़ा हुआ है । चुनाव प्रचार में सभी दल तथा निर्दलीय प्रत्याशी एवं समर्थक पूरी ताकत झोंक रही है किसी भी प्रकार से मतदाता उनके प्रभाव में आए तथा उन्हें अपना अमूल्य वोट देकर विजयश्री दिलाए ऐसा प्रयास हो रहा है। चुनावी सरगर्मी में पलायन तथा मतदाताओं की चुप्पी प्रत्याशियों की नींद हराम कर रही है ।यह खामोशी बुधवार को मशीन पर किसके लिए खुलती है यह 11 दिसम्बर को पता चलेगा। जैसा की विदित है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं जिसे आगामी लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल जानकार लोग बता रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र जोबट भी इन दिनों राजनीतिक दलों का अखाड़ा बना हुआ लगभग सभी राजनीतिक दल एवं निर्दलीय प्रत्याशी पूरी ताकत के साथ स्वयं तथा समर्थकों की टीम के साथ सुबह से देर रात तक ग्रामीण क्षेत्रों की खाक छान रहे हैं ।कोई अपनी उपलब्धियां गिना कर वोट मांग रहा है तो कोई अपनी सरकार बनने पर घोषणाओं की फेहरिस्त बता रहा है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या में पांच है वे भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। चुनाव आयोग के सख्त निर्देशों के चलते इस बार शोर शराबा तड़क-भड़क कम ही दिखाई दिया।

जोबट विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय दलों के तीन प्रत्याशी है मगर मुकाबला कांग्रेस भाजपा एवं निर्दलीय के बीच होने से त्रिकोणी स्थिति बन जाने के कारण मतदाता भ्रमित है। हमारे प्रतिनिधि ने अनेक ग्रामीण क्षेत्रों का विगत तीन-चार दिनों से भ्रमण किया। मगर अभी तक किसी एक प्रत्याशी के पक्ष में खुलकर ग्रामीण मतदाता नहीं बोल रहे हैं जो भी आता है । पहले उसकी पार्टी का पता करते हैं और कह देते हैं कि तुम्हें ही वोट देंगे उनके दूसरे तीसरे प्रत्याशी को भी उन्हीं नेताओं की तरह आश्वासन दे रहे हैं। जैसे वे चुनाव के समय देते हैं और वोट लेकर जीत जाने के बाद 5 वर्षों तक या तो मुंह नहीं दिखाते हैं या फिर जब कोई काम लेकर जाते हैं, तो उन्हें टरका देते हैं बस मतदाता भी इनसे ऊब कर वैसा ही टालमटोल का उत्तर दे रहे हैं मगर अंदर कोई बदलाव की खिचड़ी पका रहा हो तो वही जाने अभी वह अपने पत्ते ना खोल कर राजनीतिक पंडितों को सोचने पर मजबूर किए हुए हैं जो कि 28 तारीख को मशीन में अपना यह गोपनीय कार्ड लेकर किसे विजयश्री का ताज पहनाऐगे यह 11 दिसंबर को पता चलेगा अभी चुनाव प्रचार का शोर गुल 26-11-18 को थम गया है कार्यकर्ता एवं प्रत्यासी अब डोर टू डोर संपर्क कर रहे हैं।

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