गुरुदिवस पर साईं धाम में किया महाआरती का आयोजन

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जितेन्द्र वाणी, नानपुर
खंडवा बड़ौदा रोड पर स्थित विशाल साईं धाम परिसर में बने साईं मंदिर में गुरुवार को विशेष महाआरती का आयोजन किया गया। जिसमें नानपुर राठौड़ समाज द्वारा श्राद्ध पक्ष पर आयोजित भागवत कथा में पधारे पंडित दीपक उपाध्याय द्वारा सैकड़ों भक्तों की उपस्थिति में सम्मिलित होकर महाआरती की गई । इस अवसर पर सेकड़ो पावागढ़ तीर्थ यात्रियों की उपस्थिति मैं भव्य संगीतमय आरती के साथ भजन कार्यक्रम भी संपन्न हुए।

साईं सेवा समिति द्वारा प्रति गुरुवार विशेष आरती का प्रयोजन साईं मंदिर में किया जाता है, जिसमें ग्राम सहित आसपास के सैकड़ों साईं भक्त सम्मिलित होते हैं। देर शाम तक इसी श्रंखला में सुंदरकांड, भजन,प्रवचन आदि कार्यक्रम भी संपन्न होते हैं ।साथ साथ आगामी दिनों में विविध सेवा प्रकल्प आयोजन को लेकर आम सहमति तय की जाती है एवं पिछले कार्यों का विस्तार वर्णन भी समिति सदस्यों द्वारा उल्लेखित किया जाता है ।ज्ञात हो कि वर्ष 2016 में साईं धाम की स्थापना के साथ साईं बाबा की विशाल प्रतिमा मंदिर में स्थापित की गई थी ,तब से लेकर लगातार विभिन्न सेवा प्रकल्प में शिक्षा, पर्यावरण ,स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि विषयों पर नियमित विभिन्न आयोजन ग्राम में किए जाते रहे हैं ।विशेषकर रक्तदान एवं नेत्रदान के प्रति जन जागृति एवं शिविर भी आयोजित किए जाते हैं ।ग्राम में चल रही भागवत कथा के दौरान कल साईं सेवा समिति द्वारा निशुल्क तुलसी के सैकड़ों पौधे भी श्रद्धालुओं में वितरित किए गए।

पंडित उपाध्याय ने समिति द्वारा चलाए जा रहे सभी सेवा प्रकल्प की सराहना करते हुए इन्हें हर मानव को सेवा अश्रुता के लिए उपयुक्त और आवश्यक माना। उन्होंने इसके साथ ही गौ सेवा के लिए सभी को व खासकर युवाओं को प्रेरित किया ।उपस्थित समुदाय के बीच साईं सेवा समिति द्वारा पंडित उपाध्याय का शाल श्रीफल एवं साईं धाम का स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका नागरिक अभिनंदन किया ।इस अवसर पर नानपुर के भागवत कथाकार पंडित कमलेश नागर का भी सम्मान किया गया।

उल्लेखनीय है कि श्राद्ध पक्ष से नवरात्रि पर्यंत तक प्रतिदिन सेकड़ो की संख्या में पैदल यात्रियों सहित साइकिल दोपहिया एवं अन्य वाहनों से आने -जाने वाले यात्रियों का पड़ाव साईं धाम परिसर में ही होता है ।जिसमें भोजन एवं विश्राम की व्यवस्था आवश्यकता अनुसार समिति द्वारा सभी के लिए की जाती है।
अंत में उपस्थित जनों के बीच यात्रा पड़ाव के दौरान विश्रामगृह -सेवा सदन में उपयुक्त सेवदान के लिए सभी श्रद्धालुओं को श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजों की स्मृति को अक्षुण्य बनाए रखने हेतु सहयोग के लिए भी प्रेरित किया ।