क्षेत्र की स्कूलों समस्याओं का अम्बार के बीच नए शैक्षणिक सत्र की हुई शुरुआत

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बृजेश खँडेलवाल , आम्बुआ

 आम्बुआ सहित आसपास की शासकीय स्कूल कहने को तो चालु हो गयी है । मगर इन स्कुलो मे समस्याओं का अम्बार है । वही किसी की नजर नही जा रही है । कोई बड़ा हादसा भी होने का आशंका बनी रहती है । आम्बुआ मे कहने को  करीब 800 बच्चे जिसमे लड़कियां और लड़के साथ मे पढाई करते है । कन्या शाला अलग से नही होने पर कई प्रकार की समस्याऐ आती है । साथ ही यहॉ पर कई वर्ष पुर्व स्कूल के लिये वालबाऊंड्री बनायी गयी थी । वह चारो और से टुट चुकी है । बच्चे भी मुख्य द्वार की बजाय वही से आते जाते  है । गत वर्ष की वार्षिक परीक्षा चल रही थी । उसी दरमियान एक रेत से भरा ट्रक अनियमत्रित होकर स्कूल की दीवार से जा टकराया था । गनीमत यह रही थी कि उस दिन परीक्षा नही थी वरना निश्चित बड़ा हादसा हो सकता था ।
आम्बुआ चौराहे पर स्थित स्टेट टाईम से संचालित संस्था मे करीबन 90 बच्चे प्राथमिक स्तर की पढाई करते है  जिसमे बालक-बालिका दोनो है । मगर उक्त संस्था मे भवन बहुत ही पुराने होकर जर्जर अवस्था मे हो गये है । जिससे बच्चो सहित स्टाफ भी उन पुराने जर्जर भवन मे ही निवास कर रहे है। आने वाला समय बारिश का है और भवन की स्थिति खराब कभी कोई बड़ा हादसा ना हो जाये । मगर सवाल यह है कि यह संस्था अर्धशासकीय होने से सभी शासकीय सुविधा से वंचित रह जाती है ।

बोरझाड़ की कन्या शाला 
आम्बुआ के समीपस्थ ग्राम बोारझाड़ मे जोबट मार्ग पर बनी कन्या हाई स्कूल आशानुरूप कमरो की कमी है । साथ ही यहॉ पर वालबाऊंड्री भी नही होने से बालिकाओ खुले मैदान मे ही घुमना व खैलना पढता है । जो खतरनाक साबित हो सकता है ।

 जिन संस्थाओ का उल्लेख क्या गया है । वह सभी मुख्य सड़क मार्ग पर होने से निरंतर यहा से सैकड़ों वाहनो का आवागमन होता रहता है । सड़के अच्छी होने पर वाहनो की गति भी तेज होती है । इन संस्थाओ के सामने बनी व्यस्ततम सड़को पर गतिअवरोधक का नही होना सबसे खतरनाक है । इन प्रमुख मार्गो से रोजाना हजारो बालक-बालिकाऐ आना जाना करती है । उक्त स्थानो के सामने गतिअवरोधक होना अति आवश्यक है यह सबसे बड़ी और खतरनाक समस्या है । जिसे नये सत्र के प्रारम्भ मे ही पुरी करना आवश्यक है । नही तो पुरे साल भर भय का वातावरण बना रहता है ।

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