कट्ठीवाड़ा गबन कांड के दो आरोपी अब भी कर रहे शासकीय कार्य, प्रशासन नहीं कर रहा निलंबित

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आलीराजपुर। कट्‌ठीवाड़ा बीईओ कार्यालय में हुए 20.47 करोड़ के गबन कांड में आरोपी बनाए गए 6 में से 5 आरोपी जमानत पर है। जबकि मुख्य आरोपी माना जा रहा कमल राठौड़ जेल में है। हालांकि पूरे मामले में अब जिला प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन ने कमल को तो निलंबित कर दिया, लेकिन दो आरोपी अब भी पहले की तरह शासकीय कार्य कर रहे हैं।

दरअसल, 24 नवंबर को 2023 को कट्‌ठीवाड़ा पुलिस थाने में कट्‌ठीवाड़ा बीईओ कार्यालय के तीन तत्कालिन खंड शिक्षा अधिकारी मधुलाल परमार, अच्छेलाल प्रजापति, रामनारायण राठौर और शासकीय उमावि चांदपुर के सेवानिवृत्त लेखापाल माेईनुद्दीन शेख, प्रधान अध्यापक उमावि आमखूंट में पदस्थ रमेशचंद्र बघेल और पूर्व प्रभारी लेखापाल कट्‌ठीवाड़ा कमल राठौर पर एफआईआर दर्ज की गई थी। इनमें से पांच को बारी-बारी से अग्रिम जमानत मिल गई। जबकि कमल राठौड़ एफआईआर होने के कुछ दिनों बाद गिरफ्तार हुआ। अब वह जेल में है। प्रशासन ने कमल को तो निलंबित कर दिया। लेकिन प्रधान अध्यापक उमावि आमखूंट में पदस्थ रमेशचंद्र बघेल और भारत की चौकी में पदस्थ रामनारायण राठौड़ अब भी अपनी-अपनी संस्थाओं में सेवा दे रहे हैं। 

दिसंबर में भेजा था प्रस्ताव अब तक नहीं हुआ निलंबन

दो आरोपियों को निलंबित नहीं करने के मामले में जब सहायक आयुक्त संजय परवाल से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा हमने दिसंबर के अंतिम सपताह में हमने रमेशचंद्र बघेल और रामनारायण राठौड़ को निलंबित करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। लेकिन शासन अब तक उस पर फैसला नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कमल का निलंबन हमने पहले कर दिया था। ऐसे में सवाल उठते हैं कि 40 दिन बाद भी शासन निलंबन पर फैसला नहीं ले पा रहा है, शासन की ये कैसी जीरो टॉलरेंस नीति है। 

यह है मामला

संचालनालय कोष एवं लेखा मप्र भोपाल कार्यालय द्वारा आईएफएमआईएस में उपलब्ध कोषालयीन रिकार्ड में परीक्षण किए जाने पर आलीराजपुर कोषालय से संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी बीईओ कट्‌ठीवाड़ा से लेखा सहायक कमल राठौर के डीडीओ कोड 4902506054 से खाताें भुगतान हुआ। इस खाते में एक से अधिक भिन्न नाम के कर्मचारी, वेंडर, लाभार्थी का नाम लिखा हुआ मिला। इन खातों में हुए भुगतान संदिग्ध और धोखाधड़ी की श्रेणी में आए। इसके चलते वित्तीय वर्ष एवं विगत पांच वर्षों 2018-19 से 2023-24 के समस्त भुगतानों की जांच 16 अगस्त 2023 से शुरू की गई थी।