उमड़ेगा आस्था का सैलाब, उड़ेगी रंग बिरंगी गुलाल, डोल ग्यारस पर्व की तैयारियां पूर्ण   

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अलीराजपुर लाइव के लिए बड़ी खट्टाली से विजय मालवी की रिपोर्ट-
कौन हमारे साथ है चारभुजा नाथ है कार्यक्रम की शुरुआत कल सुबह 5.30 बजे मंगला आरती से होगी। इसके पश्चात प्रभात फेरी निकाली जाएगी। ग्राम खट्टाली में मनाया जाने वाले डोल ग्यारस पर्व की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। 2 सितंबर को ग्राम खट्टाली के चारभुजा मंदिर प्रांगण में आस्था का सैलाब हिलोरे लेगा। इस हेतु चारभुजा महोत्सव समिति ने सभी तैयारियों को अंतिम रुप दे दिया है। कार्यक्रम की शुरुआत कल सुबह 5.30 बजे से हो जाएगी। ग्राम खट्टाली की पहचान बन चुका डोल ग्यारस पर्व इस बार 2 सितंबर को मनाया जा रहा है। प्रात: 5.30 बजे मंगला दर्शन 9 बजे श्रंगार आरती के पश्चात अन्य क्षेत्र से आने वाली पदयात्राओं का ग्राम खट्टाली में प्रवेश शुरू हो जाता है तथा ग्राम की सडक़ों पर आस्था का सैलाब उमड़ता है। दोपहर के ठीक पूर्व ध्वजारोहण होता है। ध्वजारोहण के पश्चात राजभोग आरती होती है। जिसमे भगवान को फलहारी छप्पन भोग लगाया जाता है। इस वक्त तक तो मानों गांव की सभी सडक़ों पर भक्तों की भीड़ दिखाई देने लगती है। दोपहर 3.30 बजे उत्थापन आरती होगी और आरती के ठीक पश्चात आलकी के पालकी जय कन्हैया लाल की के जयघोष के साथ शुरू होता है चल समारोह। जिसमें हाथी, घोड़े, बग्घी पर भगवान चारभुजा नाथ निकलते है जल-क्रीड़ा करने, जुलुस के अग्रभाग में भजनों की सुन्दर प्रस्तुती देते बेन्डएनृत्य करते अश्व के पिछे होता है श्रद्धालुओं का सैलाब, इस माहौल मे उडती रंग बिरंगी गुलाल से सारा माहौल उस ऐतिहासिक दृश्य को उपस्थित कर देता है
जिसका लाभ लेने के लिए धर्मावलंबी
ग्राम के सभी प्रमुख मार्गो से गुजर कर यह कारवा हथनी किनारे पहुंचता है। जहां होता है। भगवान का जलाभिषेक भगवान को आलकी की पालकी के जयघोष के साथ नदी तट पर जल से अपनी आस्थाओ की डुबकी लगवाना हर श्रद्धालु अपने मन मे रखकर अपनी मनोकामना पूर्ण करने की भगवान चारभुजानाथ जी से आग्रह करता है। जलक्रीड़ा पश्चात होता है महा आरती का आयोजन जहां पर आरती के साथ होता है रंगीन फटाके की चमक बैंड की धुन श्रद्धालु का मन मोह लेती है ओर आसमान में उड़ते अग्नि चलित गुब्बारे जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते है। आरती के बाद पुन: चल समारोह चारभुजा मंदिर पहुंचता है। जहाँ पर महाआरती का आयोजन किया जाता व महाप्रसादी का आयोजन भी किया जाता है ।प्रसाद वितरण पश्चात रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया जाता है जिसमे बाहर से आई भजन मंडली व प्रसिद्ध प्राप्त ग्राम की हरि सत्संग समिति द्वारा भजनों की शानदार प्रस्तुतिया ओर उसके बाद रात्रि 12 बजे होती है शयन आरती जिसके बाद मिलती है केशरिया दूध की प्रसादी ओर यही होता है कार्यक्रम का समापन।

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