आसमान पर छाए बादल, बूंदाबांदी से कृषक चिंतित

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मयंक विश्वकर्मा, आंबुआ
आम्बुआ तथा आसपास के क्षेत्र में पिछले सप्ताह से मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव से लोग परेशान हैं कभी कडक़ ठंड तो अभी तेज धूप तथा गर्मी से हलाकान हो रहे क्षेत्रवासी कृषकों को 2 दिनों से आसमान में छाए बादलों ने चिंता में डाल दिया है। जैसे ही आम तथा महुआ में फूल आने का मौसम होता है प्रकृति अचानक मौसम परिवर्तन करने लगती है आम महुआ तथा खेतों में खड़ी गेहूं, चना, मटर, सरसों आदि की अच्छी फसल के लिए इन दिनों तेज धूप तथा खुला मौसम की जरूरत होती है। मगर इन वर्ष में इन फसलों को मौसम खराब करने पर तुला है विगत 1 हफ्ते से कभी ठंड तो गर्मी की स्थिति के बीच अचानक आसमान पर घनी काली घटाओं ने डेरा डाल दिया। यही नहीं हल्की बूंदाबांदी जब तक हो रही है जिसके कारण वे कृषक चिंतित है, जिन्होंने या तो गेहूं चना काटना प्रारंभ कर दिया है या फिर फसले पककर कटने की तैयारी में है यदि इस समय मावठे की बरसात हो जाती है तो कृषको को भारी हानि उठाना पड़ सकती है वैसे भी विगत वर्ष कम हुई वर्षा के कारण नदी नाले तालाबों एवं ट्यूबवेल में पानी कम होने के कारण कृषकों ने इस बार गेहूं आदि की बहुत कम बुआई की थी। कई खेत खाली पड़े हैं जो थोड़ा बहुत फसल है वह खराब न हो जाए इसकी चिंता कृषकों के चेहरे पर देखी जा सकती है कई कृषक कटी पड़ी फसल को ढकने के लिए तिरपाल खरीदते देखे जा रहे हैं। मौसम की इस बदलती स्थिति में व्यापारी वर्ग भी चिंतित दिखाई दे रहा है। यदि फसल खराब होती है तो व्यापार व्यवसाय भी प्रभावित होगा सभी की निगाह आसमान की ओर है कि वह कब साफ होता है।
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