भगवान को बुलाने के लिए आवाज में ताकत होना चाहिए : पंडित अमित शास्त्री 

May

मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

यदि किसी नेता को बुलाना हो तो आपकी राजनीतिक ताकत होना चाहिए तब वह आता है ठीक वैसे ही जब भगवान को आमंत्रित करना हो तो आपकी भक्ति की ताकत मजबूत होना चाहिए मन में तपस्या हो तो भगवान को मजबूर होकर आना पड़ता है।

उक्त विचार आम्बुआ शंकर मंदिर प्रांगण में आयोजित हो रही है श्रीमद् भागवत के पांचवें दिवस व्यास पीठ से पंडित अमित शास्त्री आजाद नगर वाले ने व्यक्त करते हुए बताया भगवान कृष्ण देवकी वासुदेव के पास जब तक इन दोनों की तीन जन्मों की तपस्या हो गई थी तब भगवान ने कारागृह में आकर दर्शन दिया आगे कथा में बताया कि शबरी की वर्षों की तपस्या के बाद श्री राम के दर्शन हुए भगवान को निमंत्रण देने के लिए मन शुद्ध होना चाहिए। धन्ना जाट की कथा सुनाते हुए बताया कि उसने पत्थर में से भगवान को प्रकट कर दिया था आगे उन्होंने नरसी भगत की कथा जिसने भगवान को अपनी प्रेम वाणी से अपनी बेटी नानी बाई का 56 करोड़ का मायरा भरवा लिया। यह प्रेम के कारण हुआ।

कथा में आज भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन जिसमें सर्वप्रथम पूतना  का उद्धार तथा अनेक भयंकर राक्षसों का उद्धार के बाद भगवान भोलेनाथ द्वारा श्री कृष्ण जी के बाल दर्शन करने की कथा विस्तार से सुनाई आगे बताया कि भगवान को कंकू चावल आदि पूजन सामग्री की जगह मन में भरी ईर्ष्या, मोह आदि चढ़ाऐ ताकि वह मन से दूर होकर मन साफ हो जाए जिससे भगवान खुश हो जाए भगवान प्रेम के भूखे रहते हैं तभी तो वह गोपियों के घर छाछ पीने चले जाते थे और जरा सी छाछ, दही के लिए गोपियों के सामने नाचते थे। यानी भक्ति के आगे भगवान नाचने को मजबूर हो जाते हैं भगवान कृष्ण की अनेक बाल लीलाओं  के बाद गोवर्धन पूजा की विस्तार से व्याख्या व्यास पीठ से की। धोबी का उद्धार के बाद कुब्जा का उद्धार के बाद कृष्ण ने मामा कंस का उद्धार किया तथा माता-पिता तथा नाना अग्रसेन को कारागार से छुड़ाया और तथा राजकाज दिया इसके बाद भगवान संदीपनि आश्रम उज्जैन में शिक्षा प्राप्त करने चले गए ।आज गोवर्धन पूजा में भगवान को छप्पन भोग की प्रसादी अर्पित की गई।