मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
यदि किसी नेता को बुलाना हो तो आपकी राजनीतिक ताकत होना चाहिए तब वह आता है ठीक वैसे ही जब भगवान को आमंत्रित करना हो तो आपकी भक्ति की ताकत मजबूत होना चाहिए मन में तपस्या हो तो भगवान को मजबूर होकर आना पड़ता है।

उक्त विचार आम्बुआ शंकर मंदिर प्रांगण में आयोजित हो रही है श्रीमद् भागवत के पांचवें दिवस व्यास पीठ से पंडित अमित शास्त्री आजाद नगर वाले ने व्यक्त करते हुए बताया भगवान कृष्ण देवकी वासुदेव के पास जब तक इन दोनों की तीन जन्मों की तपस्या हो गई थी तब भगवान ने कारागृह में आकर दर्शन दिया आगे कथा में बताया कि शबरी की वर्षों की तपस्या के बाद श्री राम के दर्शन हुए भगवान को निमंत्रण देने के लिए मन शुद्ध होना चाहिए। धन्ना जाट की कथा सुनाते हुए बताया कि उसने पत्थर में से भगवान को प्रकट कर दिया था आगे उन्होंने नरसी भगत की कथा जिसने भगवान को अपनी प्रेम वाणी से अपनी बेटी नानी बाई का 56 करोड़ का मायरा भरवा लिया। यह प्रेम के कारण हुआ।
