नौ दिवसीय उपासना के बाद नवदुर्गा विसर्जन उपरांत 31 फीट के रावण पुतले का दहन 

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

कस्बे में शारदीय नवरात्र की नौ दिनों तक धूमधाम रही नौ दिनों तक नौ देवियों की पूजा आराधना  उपवास तथा गरबा पांडालों में गरबा खेले जाकर नौवे दिवस यज्ञ आदि किए गए तथा दशमी तिथि को जवारों तथा नवदुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन उपरांत बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया जाकर दशहरे की शुभकामनाएं दी गई।

          जैसा की विदित है कि क्षेत्र में शारदीय नवरात्र का आयोजन विगत नौ दिनों से चल रहे थे आम्बुआ में टेकरी माता मंदिर, शंकर मंदिर प्रांगण, मेलडी माता मंदिर तथा बिजासन माता मंदिर प्रांगण में नौ दिनों तक माताजी की पूजा आराधना आरती के साथ ही रात्रि में गुजराती संस्कृति के प्रति गरबा रास का आयोजन विद्युत तथा अन्य सजावटी सामानों से सजे गरबा पांडालों में किए गए प्रति शाम से देर रात तक तथा अष्टमी नवमी की संपूर्ण रात्रि मां की आराधना कार्यक्रम चला अष्टमी तथा नवमी तिथि को मंदिरों में यज्ञ हवन कराए गए दशमी तिथि को दोपहर माता जी की मूर्तियों का चल समारोह निकाला जाकर गीत गरबो की धुन पर थिरकते भक्तों ने हथनी नदी में जवारों तथा मूर्तियों का विसर्जन किया।

           नवदुर्गा विसर्जन के बाद परंपरा गत तरीके से बुराई के प्रतीक कहे जाने वाले महा अभिमानी रावण के 31 फीट ऊंचे  पुतला जिसे ग्राम पंचायत द्वारा बनवाया गया था का दहन आतिशबाजी कर किया गया जिसे  देखने के लिए आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से हजारों की संख्या में दर्शक उपस्थित रहे रावण पुतला दहन स्थल पर मेले जैसा माहौल दिखाई दिया छोटे व्यापारियों जिनमें फल फ्रूट खिलौने गुब्बारो के साथ ही  खाने-पीने के सामानों की अच्छी बिक्री रही रावण दहन पश्चात विजयदशमी की एक दूसरे को बधाई दी गई कार्यक्रम में पुलिस व्यवस्था माकूल रही।

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