मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
बच्चे हमेशा बड़ों से ही कुछ सीखते हैं उन्हें जैसा सिखाया जाता है वह वैसा सीखते हैं घर बच्चे की प्रथम पाठशाला होती है और मां उसकी प्रथम गुरु होती है वह उसे जैसा सिखाऐगी वह वैसा ही सीखेगा बच्चों को संस्कारवान बनाने में मां की अहम भूमिका रहती है।
