अलीराजपुर लाइव के लिए आम्बुआ से बृजेश खंडेलवाल की रिपोर्ट-
सोमवार की शाम अजंदा निवासी अपनी बाइक पर पत्नी एवं दो छोटे बच्चो के साथ जा रहे थे कि आम्बुआ के समीप बाइक का संतुलन बिगडऩे से दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमे विक्रम पिता नाथू उसकी पत्नी गीता पति विक्रम व डेढ़ वर्ष का बच्चा गोलु पिता विक्रम घायल हो गए, जिसे घायल अवस्था मे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आम्बुआ शाम साढे चार बजे लाया गया, जिसका उपचार उपस्थित डॉक्टर हितेष मसीह ने किया एवं ड्रेसिंग कम्पाउंडर विश्वनाथ शर्मा उपस्थित होने के बावजूद चपरासी द्वारा करवा कर छुट्टी दे दी गई। फिर से दुर्घटनाग्रस्त हुआ बाइक सवार-
घायल बाइक लेकर परिवार सहित अपने घर जा रहा था कि करीबन 6 बजे के आसपास फिर गिर गया जिससे उसे व बच्चे को चोट आई वापस अस्पताल लेकर आए चूंकि डॉक्टर, कम्पाउंडर सहित स्टाफ अपने घर जा चुका था। बस फिर क्या उसका उपचार वहां उपस्थित स्टाफ नर्स एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इमामुद्दीन को करना पड़ा एवं वाहन से सिविल अस्पताल अलीराजपुर रवाना कर दिया जबकि यह उपचार यही पर हो सकता था। धरने पर बैठे ग्रामीण-
यह बात जब ग्राम के लोगो को पता चली और देखा कि वहां पर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कम्पाउंडर के स्थान पर मल्हम पट्टी कर रहा है। पहले कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा से चर्चा की फिर सीएचएमओ डॉ. प्रभाकर नानावरे से प्रतिनिधि ने चर्चा और समस्या से अवगत करवाया तो उन्होंने कहा कि मैं मामला क्या है दिखवाता हूं आप तो डॉक्टर हितेश मसीह के खिलाफ आवेदन दे, मैं उनके खिलाफ कार्रवाई करूंगा। यह बात सुन लोग संतुष्ट नहीं हुए और अस्पताल परिसर पर धरने पर बैठ गए। गौरतलब है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आम्बुआ का स्टाफ जोबट-अलीराजपुर से आवागमन करता है शाम के बाद यह ब्लॉक स्तर का दर्जा प्राप्त एक एएनएम एवं एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे करीबन 14 घंटे रह जाता है। पुलिस विभाग से आने वाली एमएलसी जिसमे छोटी सी चोट हो सिविल अस्पताल रैफर कर दिया जाता है, जिसकी शिकायत पूर्व में भी आला अधिकारियों से की गई, मगर कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई। जिले के अधिकारियों से सम्पर्क किया संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों की मांग थी कि डॉक्टर व स्वास्थ्य अमला आम्बुआ में रही, अप-डाउन नहीं करे। जिम्मेदार बोल- डॉ. हितेश मसीह ने दुर्घटना में घायलों का उपचार कर उन्हें छुट्टी दे गई थी, मामूली चोटे थी। – डॉ.शुभेंद्रसिंह, प्रभारी बीएमओ आम्बुआ