आबकारी और पुलिस विभाग की उदासीनता से जिला बना अवैध शराब परिवहन और विक्रय का गढ़ : विधायक मुकेश पटेल

May

आलीराजपुर।  आदिवासी बाहुल्य आलीराजपुर जिले में इन दिनों आबकारी और पुलिस विभाग की उदासीनता से जिला अवैध शराब का गढ़ बना हुआ है। यदि प्रशासन ने इस पर अंकुश नहीं लगाया तो आलीराजपुर विधासनसभा क्षेत्र की शराब दुकानों के सामने बडा आंदोलन किया जाएगा। 

ये बात विधायक मुकेश पटेल ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कही। विधायक पटेल ने कहा कि जिले में हर दिन दर्जनों की संख्या में अवैध शराब से भरे वाहन गांव गांव और फलियों में शराब की सप्लाई करते है। ये वाहन जिले की शराब दुकानों सहित अन्य जिलो से अवैध शराब परिवहन करके जिले के विभिन्न क्षेत्रों सहित गुजराज राज्य में भी शराब पहुंचाते है। परंतु आबकारी और पुलिस विभाग आंखे मूंदकर अवैध शराब के परिवहन से अनजान बने होने का नाटक करते नजर आते है। 

युवाओं पर हो रहा असर, जकड रहे नशे के जाल में

विधायक पटेल ने कहा कि प्रशासन की उदासीनता के कारण जिले का युवा नशे के मकड़जाल में फंसता जा रहा है। वर्तमान में जिले में वैवाहिक कार्यक्रम अत्यधिक संख्या में आयोजित हो रहे है जो की आगामी कई दिनों तक आयोजित होंगे। इसका फायदा उठाते हुए शराब ठेकेदार और इनके संरक्षण में अवैध शराब के कारोबारी मनमाने और महंगे दामों पर शराब की खपत करने में रात दिन लगे हुए है। 

जांच समिति हर महीने करे औचक निरीक्षण

विधायक पटेल ने कलेक्टर और एसपी से मांग की है जिले में अवैध शराब के परिवहन और विक्रय की रोकथाम के लिए और नशे के जाल से युवाओं को बचाने के लिए एक जिला स्तरीय जांच समिति बनाई जाए जिसमें राजस्व विभाग, आबकारी विभाग, पुलिस विभाग सहित क्षेत्रीय विधायक भी शामिल हो और उक्त जांच समिति हर महीने किसी भी शराब दुकान का औचक निरीक्षण कर अवैध गतिविधियों की जांच करे ताकि शराब दुकानों तथा गोदामों से होने वाली अवैध गतिविधियों पर अंकुश लग सके। 

हर शराब दुकान व गोदाम पर लगवाएं सीसीटीवी कैमरे, निर्धारित मापदण्डों का पालन करवाएं

विधायक पटेल ने कहा कि जिले के हर शराब दुकान व गोदाम पर सीसीटीवी कैमरे लगवाएं जाएं, शराब दुकानों पर भाव सूची, बोर्ड, कलेक्टर, एसपी, जिला आबकारी अधिकारी के नाम व मो0 नम्बर की सूची तथा शराब दुकान के स्टॉफ के नाम व मोबाइल नंबर आदि चस्पा हो तथा शराब खरीदने वाले प्रत्येक ग्राहक को अनिवार्य रूप से उसका बिल भी प्रदान किया जाए। यदि समय रहते इस प्रकार से सख्ती नही बरती गई तो जिले में किसी भी दिन नकली या जहरीली शराब की खपत होने से कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड सकता है। यदि कभी दुर्भाग्यवश ऐसी घटना घटित हो गई तो उसकी संपूर्ण जवाबदारी जिला और पुलिस प्रशासन की होगी। क्योंकि जिला प्रषासन, पुलिस विभाग और आबकारी विभाग को बार बार चेतावनी देने के बाद भी यदि शराब की अवैध गतिविधियों पर अंकुश नहीं लग पाता है तो इसके जिम्मेदार ये ही विभाग रहेंगे। विधायक पटेल ने कहा कि ये मेरी अंतिम चेतावनी है यदि जिले में अवैध शराब के परिवहन और विक्रय पर रोक नहीं लगाई गई तो आलीराजपुर विधानसभा क्षेत्र की शराब दुकानों का घेराव कर बडा आंदोलन किया जाएगा।