अलट॔ – झाबुआ – अलीराजपुर जिलो मे मंडराया ” चांदीपुरा” वायरस का खतरा ; बच्चो को बनाता है शिकार

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रवि तोमर @विशेष संवाददाता

महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव चांदीपुरा से उठा “चांदीपुरा” वायरस अब तक दज॔नो बच्चो को शिकार बनाने के बाद अब पडोसी गुजरात राज्य के दाहोद तक पहुंच चुका है एक सप्ताह पूर्व दाहोद के चार बच्चे इस वायरस के शिकार पाये गये जिनमे से दो की मोत हो चुकी है चूंकि आदिवासी बहुल झाबुआ ओर अलीराजपुर जिले गुजरात के दाहोद जिले से सटे है इसलिऐ आशंका है कि यह चांदीपुरा वायरस गुजरात पार कर सकता है ऐसे मे एमपी के इन दोनो जिलों को अलट॔ रहने की जरुरत है ।

क्या है चांदीपुरा वायरस

यह एक ऐसा खतरनाक वायरस है जो कि सीधे बच्चों के दिमाग में अटैक करता है। जिससे उनके दिमाग में सूजन आ जाती है।  शुरुआत में फ्लू के लक्षण नजर आते है लेकिन आगे चलकर बच्चा कोमा में चला जाता है। इस वायरस का नाम एक गांव के नाम में रखा गया है। जो कि महाराष्ट्र का एक छोटा सा गांव है। पहली बार साल 1965 में इस वायरस से बीमार बच्चों के मामले पाए गए थे। आमतौर पर ये वायरस 14 साल से छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाता है।

चांदीपुरा वायरस फैलने का कारण

यह वायरस खासतौर से मच्छरों और बड़ मक्खी के कारण फैलता है।  सैंड फ्लाई मक्खियों की एक ऐसी प्रजाति है जो कि रेत और कीचड़ में पाई जाती है और बारिश में काफी बढ़ जाती है। लेकिन मैदानी क्षेत्रों में इसके कारण चांदीपुरा नामक वायरस फैल जाता है।

चांदीपुरा वायरस के लक्षण

अचानक तेज बुखार और सिर दर्द होना।

मितली या उल्टियां होना।

कमजोरी के कारण बेहोशी छा जाना।   

चांदीपुरा वायरस से ऐसे करें बचाव

इसका अभी तक कोई स्पेशल इलाज सामने नहीं आया है। लेकिन इसके लक्षण इंसेफ्लाइटिस (दिमागी बुखार) से मिलते जुलते है। अगर किसी के ऊपर ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत उसे डॉक्टर से सपंर्क करें। यह वायरस मक्खियों औऱ मच्छरों से फैलता है। इसलिए घर और बाहर साफ-सफाई रखें। जिससे कि घर में मच्छर या मक्खी न हो।

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