झाबुआ / अलीराजपुर live राजनीतिक डेस्क ।
विगत दिनों संपन्न हुऐ लोकसभा उपचुनाव मे मोदी लहर के मुकाबले करीब 2 लाख वोटो से हारी बीजेपी अब लगातार इस बात पर मंथन कर रही है कि आखिर कैसे कांग्रेस से लडा जाये ओर कांतिलाल भूरिया का क्या विकल्प हो । टीम लाइव राजनीतिक पड़ताल कर रहा है अपने इस विश्लेषण में ।
इस तरह 2 लाख की हार
कई लोग सोच रहे होंगे कि आखिर दो लाख वोटो से बीजेपी का हारना क्यो लिखा जा रहा है जबकि वह तो 88877 वोटो से हारी है ? दरअसल बीजेपी मोदी लहर वाला लोकसभा चुनाव 1 लाख 8 हजार से अधिक वोटो से जीती थी ओर उपचुनाव मे कांग्रेस ने उसे कवर करते हुऐ 88877 वोट से जीत हासिल की है तो इस तरह बीजेपी के 2 लाख वोटर कम हो गये ओर इतने वोटो की ही हार मानी जायेगी ।
बडी चुनौती – हार की सफाई मे बीजेपी मान चुकी कांग्रेस की परंपरागत सीट थी ।
अब हार के बाद आये मंथन के बाद प्रदेश बीजेपी ने दो तरह के बयान दिये है सीएम ने कहा कि यह कांग्रेस की परंपरागत सीट थी जो उन्होंने हमसे वापस छीन ली ओर बीजेपी स्टेट प्रेसीडेंट ने कहा कि यह हमारी संगठनात्मक हार थी । हालांकि सच्चाई यह है कि यह यह सरकारी नीतियो की जमीन पर विफलता , बीजेपी के चुने हुए जनप्रतिधियों से जनता की दूरी ओर कांतिलाल भूरिया के निजी व्यक्तित्व की जीत थी ।
अब बीजेपी क्या करेंगी
