लगातार बारिश से जलप्लावन की स्थिति, घंटों तक यातायात अवरुद्ध, कई घरों में घुसा बाढ़ का पानी

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
आम्बुआ कस्बे तथा आस पास के क्षेत्र में विगत तीन चार दिनों से हो रही तेज वर्षा के कारण क्षेत्र में चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है क्षेत्र के लगभग सभी जलाशय भर गए आम्बुआ दो दशक बाद बाढ़ की भयावह स्थिति देखी गई। हथिनी पर बने नए पुल पर से चार-पांच ऊपर तक बाढ़ का पानी देखा गया। पुल पर पानी बहने के कारण घंटो यातायात बाधित रहा समाचार लिखे जाने तक पानी पुल से उतर गया था। मगर नदी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई थी पूरा पानी उतरने के बाद ही आसपास हुई आर्थिक हानि का आकलन हो सकेगा। हमारे संवाददाता के अनुसार आम्बुआ तथा आसपास के क्षेत्र में कभी तेज कभी रुक रुक कर हो रही वर्षा के कारण नदी तालाब लबालब हो गए हैं तालाब से ओव्हर फ्लो हो रहे पानी के कारण हथिनी नदी के सहायक नालों में जल स्तर बढऩे के कारण लगभग 1 बजे हथनी नदी पर बने नए पुल पर 4 से 5 फुट ऊपर पानी बहने लगा स्थिति यह हुई कि आम्बुआ क्षेत्र में हथिनेश्चर महादेव प्रांगण में तथा कब्रिस्तान के अलावा समीप ग्राम बोरझाड़ में शैलेन्द्र विहार से होता हुआ गोरीशाह रे.अलैह की दरगाह को भी जलमग्न कर दिया। बोरझाड़ के ठाकुर परिवार की पुश्तैनी हवेली के समीप बाढ़ का पानी भर गया। वही डॉ. राजेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद पता चलेगा कि उनके खेतो में खड़ी फसलों तथा कृषि फार्म में कितनी हानि हुई है। जानकारी के मुताबिक हथिनी नदी में वर्ष 1996 में भयावह बाढ की स्थिति बनी थी, तब भी भारी हानि हुई थी कई मकान धाराशाही हुए थे तथा फसलों को बारी हानि हुई थी लगभग 23 वर्षों बाद ऐसी भयानक बाढ़ का नजारा नई पुरानी दोनों पीढिय़ों ने आज देखा जिसे देखकर लोग सिहर उठे तथा लगभग देखने वालों ने अपने धर्म के मुताबिक प्रार्थना दुआ की तथा वर्षा थमने एवं बाढ़ का पानी उतरने की कामना की। पुल पर से लगभग बाढ़ का पानी की रफ्तार धीमी पड़ी। मगर समाचार लिखे जाने तक नदी में बाढ़ का पानी किनारों से होकर बह रहा था।