सोंडवा, हमारे प्रतिनिधिः बस स्टैंड एक ऐसी जगह होती है जहां नियत जगत पर बस आकर रूकती है। दूसरे शहर जाने वाले यात्री इस बस में सवार होते है जबकि जिन यात्रियों का सफर खत्म होता है, वो बस से उतर जाते है। अलीराजपुर जिले के सोंडवा में भी कहने को एक बस स्टैंड है लेकिन यहां न तो बस रूकती है और नहीं सवारियों को यहां उतारा जाता है। बस चालक अपनी मर्जी से कही भी बस रोक लेते है।
यात्री बसों का स्टाफ अपनी मर्जी से बस स्टैण्ड बनाने लगे है, कुछ बस अस्पताल के पास तो कुछ बस पुलिस थाने के आसपास अपनी सुविधा के अनुसार रोकते है। इस वजह से बीमार, बच्चे, बुजुर्ग, विकलांग, मजदूर आदि को परेशानियों का सामना करना पड रहा है।
खास कर वे यात्री जो अपने भारी भरकम सामान के साथ बस स्टैण्ड पर बस का इंतजार करते रहते है,परंतु बस अपने निर्धारित स्थान पर नही रूक कर अन्यत्र स्थान पर रूकती है, तब उन्हे अपना सामान लेकर बस तक दौड लगानी होती है ताकि बस मे जगह मिल सके।
इसी जल्दबाजी में कई बार यात्रियों का सामान भी छूट जाता है। इस वजह से उन्हें मानसिक प्रताडना तो होती है लेकिन साथ ही आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है। वहीं जवाबदार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है या अनदेखी कर रहे है जिसकी वजह से यात्रियों की परेशानी और बस चालकों की मनमानी का दौर जारी है।
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