अलीराजपुर लाइव के लिए उदयगढ़ से राजेश जयंत की रिपोर्ट। भोपाल हो या दिल्ली दरबार आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले में शिक्षा सुदृढ़ीकरण, आदिवासी विकास के नाम पर केन्द्र व राज्य सरकार ने खजाना खोल रखा है। नित नई योजनाओं के तहत जिले में स्कूल, छात्रावास खुल रहे है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चोहान तो जब-जब जिले के दोरे पर आए ओर उनके समक्ष शिक्षा की बात आई तो उन्होने यहां नई स्कूल, स्कूल के उन्नयन ओर महाविद्यालय की सोगात देने में जरा भी देरी नहीं की। लेकिन वहीं जब बात आती है यहां प्रशासनिक व्यवस्था की तो सारी योजनाएं ओर सोगाते दम तोड़ती नजर आती है। उदयगढ़ की बदहाल शिक्षा व्यवस्था इसका जीता जागता उदाहरण है।
उदयगढ़ में शिक्षा के हाल बेहाल-
उदयगढ़ में माध्यमिक शाला भवन में ही पहले शाउमावि और बाद में उत्कृष्ट खुल गई। अब माॅडल स्कूल भी इसी में संचालित हो रही है। हायर सेकंडरी के नविन भवन में अग्रेजी माध्यम का कन्या छात्रावास खोल देने की के चलते अब उत्कृष्ट उमावि व माॅडल के विद्यार्थियों को लैब, पुस्तकालय व कम्प्यूटर कक्ष में टाटपट्टी पर बैठ कर परीक्षा देना पढ़ रही है। 9वी से 12वहं तक की त्रेमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा के दोरान यहां माध्यमीक शाला के विद्यार्थियों की छुट्टी हो जाती हैं। कहने को उदयगढ़ जनपद मुख्यालय है ओर इस नाते शासन ने यहां की शाउमावि को उत्कृष्ट शाउमावि बना दिया, यहां पर अलग से एक माॅडल स्कूल भी खोल दी। कानाकाकड़ और कुण्डलवासा उमावि का परीक्षा केन्द्र भी उदयगढ़ को बना दिया लेकिन यहां बैठने के लिए भवन, अतिरिक्त कक्ष बनाना और पढ़ाने के लिए व्याख्याता को भेजना भूल गए।
जिले के सबसे वरिष्ठ और बिज्ञान के एकमात्र व्याख्याता बीपी पटेल के अतिरिक्त यहां 4 उच्च श्रेणी शिक्षक, 5 वरिष्ठ अध्यापक, 4 अध्यापक और बिना डीएड-बीएड वाले 12 अतिथि शिक्षक यहां उत्कृष्ट और माॅडल स्कूल के एक हजार से अधिक बच्चों को अध्यापन कार्य करवा रहे हैं।
प्रभारी प्राचार्य करते हैं 12 से 3 की नोकरी
संस्था के प्रभारी प्राचार्य जेएस अलावा जोबट से उदयगढ़ अप-डाउन करते है। वे संस्था में 12 बजे आते हैं और 3 बजे वापस चले जाते हैं। 3 बजे के बाद कर्मचारियों से जब भी पूछो साहब कहां है, उनसे एक ही जवाब मिलता है अलीराजपुर में बडे साहब के पास गए है। अपनी अलीराजपुरी व्यस्तता के चलते उन्होने आज तक संस्था में शाला प्रबंध समिति का गठन नहीं किया जो कि 15 जुलाई तक हो जाना चाहिए था। जेएस अलावा आम्बुआ में एचएम थे, अप्रैल 2015 में पदोन्नत होकर वे कन्या उमावि में भूगोल के व्याख्याता बने। पांच माह के व्याख्याता पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास आलीराजपुर जेएस डामोर मेहरबान हो गए और उन्होने 8 जून को अलावा को उत्कृष्ट उमावि उदयगढ़ का प्रभारी प्राचार्य बना दिया। इतना ही नहीं 9 जुलाई को सहायक आयुक्त ने श्री अलावा को उमावि कुण्डलवासा और शाउमावि बोरी का भी प्रभारी प्राचार्य बना दिया। बोरी व कुण्डलवासा के कर्मचारियों व पालको ने बताया कि श्री अलावा बोरी, कुण्डलवासा संस्था में नहीं आते हैं। श्री अलावा ने अपनी गैरमौजूदगी में तीनो संस्थाओं में किसी को भी अधिकृत प्रभारी तक नहीं बनाया है। एसे में यहां षिक्षा के हाल बेहाल है। यहां की गुणवत्ता विहीन षिक्षा व्यवस्था को लेकर पालको में भारी आक्रोष है और वे सीएम साहब की खाटला बैठक का इंतजार कर रहे है।
11युडीव्हाय-05 कम्प्यूटर कक्ष में टाटपट्टी पर बैठ कर परीक्षा देते उत्कृष्ट व माॅडल के छात्र
उदयगढ़ में शिक्षा के हाल बेहाल-
उत्कृष्ट व माॅडल के विद्यार्थियो ने दी टाटपट्टी पर बैठकर परीक्षा
अलीराजपुर लाइव के लिए उदयगढ़ से राजेश जयंत की रिपोर्ट। भोपाल हो या दिल्ली दरबार आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले में शिक्षा सुदृढ़ीकरण, आदिवासी विकास के नाम पर केन्द्र व राज्य सरकार ने खजाना खोल रखा है। नित नई योजनाओं के तहत जिले में स्कूल, छात्रावास खुल रहे है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चोहान तो जब-जब जिले के दोरे पर आए ओर उनके समक्ष शिक्षा की बात आई तो उन्होने यहां नई स्कूल, स्कूल के उन्नयन ओर महाविद्यालय की सोगात देने में जरा भी देरी नहीं की। लेकिन वहीं जब बात आती है यहां प्रशासनिक व्यवस्था की तो सारी योजनाएं ओर सोगाते दम तोड़ती नजर आती है। उदयगढ़ की बदहाल शिक्षा व्यवस्था इसका जीता जागता उदाहरण है।
उदयगढ़ में माध्यमिक शाला भवन में ही पहले शाउमावि और बाद में उत्कृष्ट खुल गई। अब माॅडल स्कूल भी इसी में संचालित हो रही है। हायर सेकंडरी के नविन भवन में अग्रेजी माध्यम का कन्या छात्रावास खोल देने की के चलते अब उत्कृष्ट उमावि व माॅडल के विद्यार्थियों को लैब, पुस्तकालय व कम्प्यूटर कक्ष में टाटपट्टी पर बैठ कर परीक्षा देना पढ़ रही है। 9वी से 12वहं तक की त्रेमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा के दोरान यहां माध्यमीक शाला के विद्यार्थियों की छुट्टी हो जाती हैं। कहने को उदयगढ़ जनपद मुख्यालय है ओर इस नाते शासन ने यहां की शाउमावि को उत्कृष्ट शाउमावि बना दिया, यहां पर अलग से एक माॅडल स्कूल भी खोल दी। कानाकाकड़ और कुण्डलवासा उमावि का परीक्षा केन्द्र भी उदयगढ़ को बना दिया लेकिन यहां बैठने के लिए भवन, अतिरिक्त कक्ष बनाना और पढ़ाने के लिए व्याख्याता को भेजना भूल गए।
जिले के सबसे वरिष्ठ और बिज्ञान के एकमात्र व्याख्याता बीपी पटेल के अतिरिक्त यहां 4 उच्च श्रेणी शिक्षक, 5 वरिष्ठ अध्यापक, 4 अध्यापक और बिना डीएड-बीएड वाले 12 अतिथि शिक्षक यहां उत्कृष्ट और माॅडल स्कूल के एक हजार से अधिक बच्चों को अध्यापन कार्य करवा रहे हैं।
प्रभारी प्राचार्य करते हैं 12 से 3 की नोकरी
संस्था के प्रभारी प्राचार्य जेएस अलावा जोबट से उदयगढ़ अप-डाउन करते है। वे संस्था में 12 बजे आते हैं और 3 बजे वापस चले जाते हैं। 3 बजे के बाद कर्मचारियों से जब भी पूछो साहब कहां है, उनसे एक ही जवाब मिलता है अलीराजपुर में बडे साहब के पास गए है। अपनी अलीराजपुरी व्यस्तता के चलते उन्होने आज तक संस्था में शाला प्रबंध समिति का गठन नहीं किया जो कि 15 जुलाई तक हो जाना चाहिए था। जेएस अलावा आम्बुआ में एचएम थे, अप्रैल 2015 में पदोन्नत होकर वे कन्या उमावि में भूगोल के व्याख्याता बने। पांच माह के व्याख्याता पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास आलीराजपुर जेएस डामोर मेहरबान हो गए और उन्होने 8 जून को अलावा को उत्कृष्ट उमावि उदयगढ़ का प्रभारी प्राचार्य बना दिया। इतना ही नहीं 9 जुलाई को सहायक आयुक्त ने श्री अलावा को उमावि कुण्डलवासा और शाउमावि बोरी का भी प्रभारी प्राचार्य बना दिया। बोरी व कुण्डलवासा के कर्मचारियों व पालको ने बताया कि श्री अलावा बोरी, कुण्डलवासा संस्था में नहीं आते हैं। श्री अलावा ने अपनी गैरमौजूदगी में तीनो संस्थाओं में किसी को भी अधिकृत प्रभारी तक नहीं बनाया है। एसे में यहां षिक्षा के हाल बेहाल है। यहां की गुणवत्ता विहीन षिक्षा व्यवस्था को लेकर पालको में भारी आक्रोष है और वे सीएम साहब की खाटला बैठक का इंतजार कर रहे है।
11युडीव्हाय-05 कम्प्यूटर कक्ष में टाटपट्टी पर बैठ कर परीक्षा देते उत्कृष्ट व माॅडल के छात्र