मध्यप्रदेश के सभी आदिवासी बहुल विकासखंड मे “रामलीला” आयोजित करवायेगी शिवराज सरकार

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चंद्रभानसिंह भदोरिया @ झाबुआ

खास बिंदु

रामलीला के लिए 70 लाख का बजट आवंटित किया गया ।

रामलीला मे कैवट; शबरी ओर निषादराज के चरित्रों को फोकस किया जायेगा

रामलीला के जरिऐ राम आदिवासियों के ओर आदिवासी राम के है बताने का प्रयास

झाबुआ। अब प्रदेश की शिवराजसिंह चौहान सरकार प्रदेश के सभी 89 आदिवासी बहुल विकासखंडो मे रामलीला आयोजित करवाने जा रही है इसके लिए संस्कृति मंत्रालय को नोडल एजेंसी बनाकर बकायदा 70 लाख रुपये का बजट आवंटित किया जा रहा है ..खास बात यह है कि आदिवासी बहुल विकासखंडो मे होने वाली इन रामलीलाओ मे भगवान राम से जुडे आदिवासी समाज के कैरेक्टर जैसै शबरी ; कैवट एंव निषादराज के चरित्रों को फोकस किया जायेगा । इन रामलीलाओ के लिए आदिवासी कलाकारों की भर्ती प्रक्रिया भी शीघ्र शुरु करेगी ।

सरकार के फैसले पर कही खुशी कही गम

शिवराज सरकार के इस फैसले से कही खुशी तो कही गम का माहोल है .. हिंदू युवा जनजाति संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप चौहान सरकार के फैसले का स्वागत करते हुऐ कहा कि हमारा समाज राम से प्रभावित है यहां तक की रावण ने भी अहंकार मे राम को वनवासी कहा था ..ओर हमारी संस्कृति ओर पूजा बिना राम के पूरी नही होती ..ओर रामलीला के जरिऐ आदिवासी ओर राम एक दूसरे के पर्याय थे यह चित्रण सकारात्मक संदेश देगा ..वही हिंदू युवा जनजाति संगठन के मध्य भारत संगठन महामंत्री कमलेश मावी कहते है कि सरकार के इस फैसले का स्वागत है इससे उन लोगों के मंसूबे भी एक्सपोज होंगे जो आदिवासियों को राम ओर सनातन संस्कृति से दूर करने का प्रयास मे जुटे थे । लेकिन जयस कोर कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल कटारा सरकार के इस फैसले को आदिवासियों का सामुहिक धर्मांतरण का प्रयास करार देते हुऐ इसे असंवैधानिक कदम मानते है ओर इसके विरुध ज्ञापन ; आदोंलन आदि विकल्पों की संभावनाओ को तलाश रहे है ।

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