मंडल अध्यक्षों के चुनाव मे आखिर किसकी चली…? पढ़िए चंद्रभानसिंह भदौरिया का यह लेख

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चंद्रभानसिंह भदौरिया@ एडिटर इन चीफ

लंबे ओर थकाऊ इंतजार के बाद आखिरकार बीजेपी ने अपने 19 मंडल अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी ..मध्यप्रदेश मे हुऐ उपचुनावों के चलते इन घोषणाओ को टाला जा रहा था ..BJP जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक के बनने के बाद मंडल अध्यक्षों ओर जिला कार्यकारिणी का गठन का इंतजार किया जा रहा है अब उम्मीद है कि जल्दी ही जिला कार्यकारिणी का एलान भी हो जायेगा ..इस खबर मे हम आपको बतायेंगे कि आखिर मंडल अध्यक्षों की घोषणा मे किसकी चली है ..

सांसद गुमानसिंह डामोर के करीबियों को ज्यादा मोका

झाबुआ जिले के 19 मंडल अध्यक्षों को अगर हम 3 विधानसभा सीटों पर बांटकर देखे तो साफ लगता है कि आने वाले 2023 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी मैदानी टीम बनाने की कोशिश सांसद गुमानसिंह डामोर ने की है ओर जिलाध्यक्ष ओर पार्टी संगठन से अपने ज्यादातर समर्थकों के नाम तय करवाने मे सांसद कामयाब रहे ..विधानसभा के हिसाब से इसे आप समझिए

पेटलावद विधानसभा

इस विधानसभा मे 5 मंडल आते है पेटलावद नगर मे संदीप माडोत ; सारंगी मे सुखराम मोरी ; रायपुरिया मे शांतिलाल मुणिया ; पारा मे सज्जन सिंह अमलियार एंव रामा मे किशन भूरिया … यह सभी पांचों मंडल अध्यक्ष सांसद गुमानसिंह डामोर के करीबी माने जा रहे है सांरगी मंडल अध्यक्ष सुखराम मोरी पहले पूर्व विधायक निर्मला भूरिया के करीबी माने जाते थे लेकिन वर्तमान मे वह सांसंद गुमानसिंह डामोर के करीबी बताये जाते है ..पारा के मंडल अध्यक्ष बनाये गये सज्जन सिंह अमलियार संघ से जुडी गतिविधियों मे खासे सक्रिय है ओर सांसद गुमानसिंह डामोर से उनके रिश्ते काफी अच्छे बताये जाते है ..आपको बताते चले कि विधानसभा चुनाव मे गुमानसिंह डामोर ने झाबुआ से टिकट मिलने के पहले पेटलावद विधानसभा के लिए टिकट मांगा था जहां निम॔ला भूरिया से टिकट के लिए कड़ा मुकाबला चला था ओर अंत मे बीजेपी ने गुमानसिंह डामोर को झाबुआ विधानसभा का टिकट दिया था ..हालाकि आपको बताते चले कि इन दोनो बीजेपी के भीतर सांसद गुमानसिंह डामोर ओर पूर्व विधायक निर्मला भूरिया के बीच सबकुछ ठीक ठाक पटरी बैठने की भी खबरें तैर रही है ।

थादंला विधानसभा

थादंला विधानसभा मे कुल 6 मंडल आते है थादंला शहर मे मंडल अध्यक्ष समर्थ उपाध्याय को बनाया गया है जो पार्षद भी है ओर बीजेपी विचार-धारा मे रचे बचे है लेकिन उनकी नियुक्ति को कुछ लोग गोर सिंह वसुनिया गुट की ओर से जुडा नाम बता रहे है हालांकि सोशल मीडिया पर कलसिंह भाबर ने समर्थ को बधाई ओर शुभकामनाऐ दी है इसके अलावा अन्य थादंला मंडल के अधिकांश मंडलों मे ऐसे नामों को मोका मिला है जो शायद पूर्व विधायक कलसिंह भाबर की पसंद नहीं है ।

झाबुआ विधानसभा
झाबुआ विधानसभा मे अधिंकाश मंडल अध्यक्ष या तो सांसद गुमानसिंह डामोर की पसंद है या जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक की पसंद है झाबुआ नगर अध्यक्ष अंकुर पाठक ने लंबे वक्त से पार्टी लाइन पर काम करते रहे है इसलिए उन्हे किसी गुट का नही कह सकते लेकिन राणापुर नगर मंडल मे कीर्तिश राठोड की नियुक्ति चौंकाने वाली है उन्हे पूर्व जिलाध्यक्ष मनोहर सेठिया का वर्तमान मे कट्टर विरोधी माना जाता है ओर यह जताने मे मनोहर सेठिया चुके भी नही है झाबुआ नगर मंडल अध्यक्ष रहे बबलु सकलेचा की एक फैसबुक पोस्ट पर मनोहर सेठिया ने कमेंट के जरिऐ प्रतिक्रिया दी है उन्होंने लिखा कि सभी मंडल अध्यक्षों को बधाई राणापुर को छोडकर ..इसके अलावा कुंदनपुर वन ओर पिटोल मंडल अध्यक्ष भी लक्ष्मण सिंह नायक की पसंद बताये जा रहे है ..हालांकि राणापुर मे बीजेपी नेता ललित बंधवार सांसद गुमानसिंह डामोर के जरिऐ अपने करीबी पार्षद शैलेष सिसोदिया को मंडल अध्यक्ष बनाना चाह रहे थे लेकिन दांव राजनीतिक वजहों से कीर्तिश राठोड मार गये।

अब देखना है कि आने वाले दिनो मे जिला कार्यकारिणी की घोषणा मे कैसे संगठन उन लोगो को साधता है जो मंडल की घोषणाओ से संतुष्ट नहीं है हालांकि यह भी तय है कि हर कोई पार्टी लाइन पर चलते ओर किसी भी गुट का ना होने की बात सफाई मे करेगा लेकिन जो सच है वह सच है ।

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