मंदिर समिति के तुगलकी फरमान के बाद धर्मावलंबी हुए कलेक्टर से रूबरू : ज्ञापन सौंप मंदिर में काकड़ आरती को शुरू करने की समाजजनों ने की मांग

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विपुल पंचाल, झाबुआ
हिंदू धर्मावलंबियों ने नवरात्रि पर्व के दौरान मंदिर समिति द्वारा पट बंद कर काकड़ आरती रोके जाने से आक्रोशित हुए। इसके बाद उन्होंने कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंप मंदिर में फिर से काकड़ शुरू करने की मांग की। गौरतलब है प्रतिवर्ष नवरात्रि के समय सुबह 5 बजे काकड़ आरती होती है जो इस वर्ष भी शासन की गाइड लाइन व कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए काकड़ आरती का आयोजन किया जा रहा था। लेकिन मंदिर समिति ने कुछ कथित सदस्यों के द्वारा आरती को अकारण ही रुकवा दिया गया, जिसके बाद से ही धर्मावलंबी क्षुब्ध नजर आए। जब सुबह 5 बजे धर्मावलंबी मंदिर पहुंचे तो मंदिर के पट बंद थे जब भक्तों ने मंदिर के पुजारी से संपर्क किया तो पुजारी ने कहा कि समिति ने मुझे चेतावनी दे डाली है कि मंदिर के पट 5.30 बजे बाद खोले जाए जहां पर अब कोई आरती नहीं होगी। पट खोलते हैं तो अब आपके लिए ठीक नहीं होगा। जिसके बाद मंदिर समिति की इस हरकत से उनकी धार्मिक आस्था को ठेंस पहुंचाई है। धर्मावलंबियों ने प्रशासन से मांग की कि त्वरित ही मंदिर के पट समय पर खुलवाए तथा काकड़ आरती की शुरुआत की जाए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो समस्त जवाबदारी प्रशासन की रहेगी। उन्होंने कहा कि की नवरात्रि में हिंदू समाज अपनी धार्मिक क्रियाएं करते हैं तो जबकि मंदिर समिति मां देवी की आराधना में विध्न डाल रही है।

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