अंबेमाता मंदिर से त्रिवेणी परिवार का है 100 वर्षों का है इतिहास

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दीपेश प्रजापति, झाबुआ
स्थानीय अंबे माता मंदिर त्रिवेणी परिवार झाबुआ में प्राचीन अंबे माता मंदिर जो 100 साल पूर्व जिसकी राजा साहब द्वारा स्थापना की गई थी लेकिन मंदिर के बाहर सिंह की स्थापना आज तक नहीं की गई। माता के आदेश अनुसार और माता की अनुमति के अनुसार हर्ष का विषय झाबुआ में आया है। आज नवरात्रि एवं के दिन इस नवरात्रि महापर्व पर माताजी के वाहन सिंह की स्थापना सभी मित्र बांधव परिवार सभी की उपस्थिति में दो दिवसीय पूजा-अर्चना ब्राह्मणों के द्वारा की जाकर आज स्थापना की गई। सिंह का जो मूर्ति लाई गई वह संगमरमर की एक ही पत्थर की बनी हुई मूर्ति है जिसे राजस्थान से लाया गया और इसका लाभ राघवेंद्र प्रताप सिंह चौहान के द्वारा लिया गया। अन्य सारे कार्य त्रिवेणी परिवार के सहयोग से किया जाकर आया की स्थापना की गई जिसमें राघवेंद्र सिंह चौहान, मोहन सिंह गेहलोत, दादू भाई चौहान, पंडित विजय शर्मा, मूर्ति स्थापना पंडित, जेमिनी शुक्ला के द्वारा की गई कई महिलाओं एवं समिति के सभी सदस्यों ने उपस्थिति गायकी रविराज सिंह राठौर, राजपूत समाज आशुतोष सिंह राठौर, वीरेंद्र सिंह चौहान, गगन, मांगीलाल, मांगू, गोपाल सिंह कुशवाह, भरत सिंह सांवरिया, विजय सिंह पारीक साहब चौहान साहब मौजूद थे।

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