गायत्री सोलंकी ने केवल जल-आहार पर पवित्र अधिकमास के उपवास किये पूर्ण

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पीयूष चन्देल, अलीराजपुर

मलमास व पुरूषोत्तम मास को अधिकमास के रूप में भी माना जाता है। हिन्दु धर्म की मान्यता अनुसार अधिक मास में कोई भी व्यक्ति किसी भी चीज का त्याग करें व नियमित पुजा पाठ करें तो भगवान विष्णु की विशेष कृपा उस पर रहती है। इस मास में मंदिरो में भी अत्यधिक भजन किर्तन व दान-पुण्य का आयोजन कीया जाता है। अलीराजपुर के स्थानीय असाडा राजपुत समाज की सदस्य  गायत्री सोलंकी ने अन्न – भोजन, फल व अन्य भोज्य पदार्थो का त्याग कर केवल पानी पीकर पुरे माह नियमित नियमानुसार विधी-विधान से दान पुण्य व पूजा अर्चना कर अपना उपवास पूर्ण कीया। इस अवसर पर कनक सोलंकी द्वारा प्रसिद्ध प्राचीन हनुमान मंदिर भोरण में भजन किर्तन व भोजन का आयोजन किया गया। जिसमें शिव भजन मण्डल, महिला शक्ति मण्डल ने भजनों की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर गुजरात चाणोद के प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक पुज्य प. मनोज शास्त्री जी ने पधारकर उन्हे आशीर्वाद दिया। एवं उपस्थित भक्तों को अधिकमास की महिमा का वर्णन भी बताया। गायत्री सोलंकी के एक माह तक पानी पर रहकर अधिकमास पूर्ण करने पर असाडा राजपुत समाज के समस्त सदस्यो, इष्टमित्रों व पारिवारिक सदस्यों ने बधाई दी।