फर्जी एनकाउंटर करने वाले दो पुलिस कर्मियों को न्यायालय ने दी आजीवन कारावास की सजा, 13 वर्ष पूर्व हुआ था यह घटनाक्रम

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झाबुआ लाइव डेस्क
अभियोजन के मुताबिक 2 जुलाई 2007 को दिन के करीब 3.30 बजे फरियादी टीटूू ने पुलिस थाना मेघनगर में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि वह ग्राम झायड़ा का निवासी है उसका भाई रमेश उसकी पत्नी देसाबाई और सुभान बारिया निवासी मेहंदीखेड़ा के एक मोटर साइकिल पर मेघनगर से झायड़ा जा रहे थे, उनके पीछे-पीछे टीटू स्वयं तथा उसके साथ कटिया, पेमा वसुनिया व जेलु के साथ जा रहा था। रास्ते में छोटा पुलिया और तिराहे का पास दो पुलिस वाले व एक युवक उसका नाम रमेश को पकडऩे की कोशिश कर रहे थे वेसा और सोभान भी वहां थे। उसी समय एक ठिगने कद के पुलिस वाले ने अपनी पास की बंदूक से ऊपर हवा में फायर किया जो थोड़े ऊंचे स्थान पर खड़े उसके भाई रमेश को गोली लगी। गोली लगते ही रमेश गिर पड़ा। गोली चलाने के बाद दोनों पुलिस वाले मेघनगर की तरफ भागे उसने रमेश को देखा तो वह मर चुका था। फिर वह अपने साथ वाले कटिया व जेलु के साथ ग्राम झायड़ा गया वहां घरवालों व ग्रामवासियों को उक्त घटना बताई फिर रमेश की लाश उन लोगों को दिखाई दोनों पुलिस वाले में से एक लंबा-काला सा, दुबला-पतला था, जिसकी आयु करीब 22 से 25 वर्ष थी। तथा दूसरा पुलिस कर्मी ठिगने कद का दुबदला पतला रंग गौरा था जिन्हें वह सामने आने पर पहचान लेगा। पुलिस थाना मेघनगर द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के बाद अनुसंधान के दौरान आरोपीगण की पहचान हुई जिसमें आरक्षक, अभियुक्त घिरेन्द्र व दूसरा रतनसिंह थे। अनुसंधान के दौरान साक्ष्यों की आई साक्ष्य के अनुसार आरोपी घिरेन्द्र द्वारा मृतक युवक रमेश पर अपनी शासकीय रायफल से गोली चलाई जाना पता लगा तथा आरोपी रतनसिंह का भी सामान्य आशय प्रतीत हुआ।

पुलिस थाना मेघनगर द्वारा आरोपीगण के खिलाफ अनुसंधान पूर्ण कर तथा आरोपीगण शासकीय कर्मचारी होने के कारम पुलिस अधीक्षक झाबुआ से अभियोजन की अनुमति प्राप्त कर अभियोग पत्र माननीय सत्र न्यायालय में पेश किया गया। माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेशकुमार गुप्ता द्वारा विचारण के दौरान अभियोजन से आई साक्ष्य के आधार पर तथा एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या करने पर आरोपीगण घिरेन्द्रसिंह पिता गुलाबसिंह मंडलोई, पुलिस आरक्षक तथा रतनसिंह पिता कहारिया बारेला पुलिस आरक्षक को धारा 302/34 भादवि के तहत दोषी मानते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास तथा एक-एक हजार रुपए का अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी जिला लोक अभियोजक, आरिफ शेख द्वारा की गई। उक्त जानकारी मीडिल सेल प्रभारी सूरज बैरागी सहायक अभियोजन अधिकारी झाबुआ द्वारा दी गई।

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