रायपुरिया लवेश स्वर्णकार ।
सूरत से पैदल चलकर कानपुर जा रहे मजदूर कन्हैयालाल पिता रामबदन जाती कोल निवासी कुरान तहसील मेजा कानपुर उत्तरप्रदेश का रायपुरिया होकर गुजर रहा था पांच दिन में वह पैदल चलकर सूरत से रायपुरिया पहुँचा । मजबूर मजदूर कन्हयालाल के साथ गुजरात मे जो कुछ भी बिता वह उसके झलकते आंसू बया कर रहे थे उसको अब भी रायपुरिया से 800 किमी दूर पैदल चलकर कानपुर जाना था यह बोलकर मजबूर बिलख बिलख कर रोने लगा। उसकी मजबूरी लोगो की मदद से सरपंच सुखराम मेड़ा तक पहुची । झाबुआ तिराहे पर ड्यूटी कर रहे एएसआई प्रहलादसिंह चूंडावत ने भी मानवता दिखाई।उन्होंने एसडीओपी बबिता बामनिया से चर्चा की। सरपंच सुखराम मेड़ा सचिव तोलसिंह निनामा ने मजदूर को सहयोग राशि ग्राम पंचायत की और से दी। प्रहलादसिंह चूंडावत ने मानवता दिखाते हुवे पुलिस मोबाइल से पेटलावद छोड़ा गया एसडीपीओ के निर्देश पर पेटलावद पुलिस की मदद से किसी भी एलपीजी टैंकर या अन्य वाहन की मदद से उसका सफर आसान करने का प्रयास भी किया जा रहा है। कोरोना संकट के दौरान मानवता दिखाते हुवे इंसान ही इंसान की मदद के लिए आगे आ रहा है।