गल चूल देखने हजारों की संख्या में पहुचे ग्रामीण,ग्राम की सुख शांति के लिए 40 फिट ऊँचाई पर उल्टा लटककर सरपंच ने लगाए चक्कर

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लवेश स्वर्णकार रायपुरिया

40 फिट ऊंचाई पर गल देव के चक्कर लगाकर ग्राम की सुख शांति के लिए प्रार्थना करते सरपंच सुखराम मेड़ा

ग्राम में इस बार कोरोना वायरस के डर से एतिहात बरतते हुवे ग्रामीणों ने सूखे रंगो से त्योहार मनाया युवक युवतियों ने अपनी अपनी टोली में एक दूसरे को गुलाल लगाया।
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी धुलेंडी पर आदिवासी समाज ने ग्राम की धरोहर और अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए दोपहर बाद गल-चूल का आयोजन किया। इस परंपरागत आयोजन को देखने आस पास के ग्रामीण इलाको से हजारों की संख्या में ग्रामीणजन पहुचे । दरसअल इस दिन आदिवासी समुदाय अपनी परंपरा के अनुसार मनन्तधारीयो को गल के ऊपर रस्सियों के बीच उल्टा लटकाकर गल देव के चक्कर लगवाते है साथ ही धधकते अंगारों पर नंगे पैर चलकर अपनी मन्नते पूरी करते है। आयोजन में युवक-युवतियां पारंपरिक वेशभूषा में तो कई आधुनिक वेशभूषा में भी नजर आए। ग्राम पंचायत काम्प्लेक्स के पीछे हाट बाजार मैदान में मन्नतधारियों ने पहले गल देवता की पूजा अर्चना की। इसके बाद मन्नतधारी ने जमीन से 40 फीट ऊपर रस्सियों के बीच उल्टा लटककर गल देव के चक्कर लगाए। इसके अलावा मन्नतधारियों ने दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलकर मन्नतें पूरी की। पश्चात पूजा-अर्चना की गई। ग्राम में सुख शांति के लिए रायपुरिया के सरपंच सुखराम मेड़ा ने भी 40 फिट ऊंचाई पर गल पर ऊपर उल्टा लटककर प्रार्थना की। समापन के बाद आसपास से आए ग्रामीणों ने ढोल-मांदल के साथ गेर निकाली।और होली के इनाम के तौर पर सेठ साहूकारों से चंदा लिया। हालांकि आधुनिकता के दौर में इन गैरो की संख्या पहले की तुलना कम होती जा रही है।

*पुलिस प्रशासन रहा अलर्ट*

रायपुरिया थानां प्रभारी कैलाश चौहान के नेतृत्व में पुलिस टीम पूरी तरह अलर्ट रही जगह जगह पुलिस बल तैनात रहा लिहाजा कार्यक्रम शांति पूर्ण सम्पन्न हुवा।

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