जानिए पेटलावद ब्लास्ट को लेकर झाबुआ जिले ओर प्रदेश मे पहली बार क्या क्या हुआ ओर क्या है जांच के नये बिंदु
झाबुआ लाइव डेस्क के लिऐ ” मुकेश परमार & हरीश राठौड की ” EXCLUSIVE ” रिपोर्ट ।
पेटलावद ब्लास्ट ने झाबुआ जिले सहित पूरे प्रदेश को हिला दिया था लेकिन मुख्य आरोपी अभी तक पुलिस की पकड से बाहर है एसआईटी के पास ना तो जिंदा कासवा है ओर ना ही उसके जिंदा होने का कोई ठोस दस्तावेजी या वीडियो सबूत लिहाज अनुमान आधारित जांच जारी है आज झाबुआ लाइव आपको बताएगा कि आखिर इस मामले मे ऐसा क्या था जो जिले ओर प्रदेश के इतिहास मे पहली बार हुआ ।
यह सब हुआ पहली बार —
1)- जिले ओर प्रदेश के इतिहास मे पहली बार किसी विस्फोट की घटना मे इतने ( 78 ) लोगों की जाने गयी
2)- जिले ओर प्रदेश के इतिहास मे पहली बार किसी पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित हुआ ओर वह भी पेटलावद ब्लास्ट के पूर्व संबधित पर कोई प्रकरण ना होने पर ।
3)- जिले के इतिहास मे पहली बार पुलिस को एमपी के बाहर कई राज्यों ओर नेपाल मे जाकर जांच करनी पडी
4)- जिले ओर प्रदेश के इतिहास मे पहली बार किसी सीएम को जनाक्रोश का सामना कर जमीन पर बैठकर संवाद करना पडा ।
5)- जिले मे पहली बार पुलिस ने ” नार्को” टेस्ट की पहल करते हुऐ कोर्ट मे अर्जी दी है जो अगर मंजूर हुई तो पहली बार नार्को का इतिहास बनेगा ।
6)- जिले के इतिहास मे पेटलावद न्याय यात्रा से बढकर कभी कोई बडा मार्च या संवेदना मार्च नही हुआ
7)- प्रदेश के इतिहास मे ऐसा भी पहली बार हुआ है जब ब्लास्ट मे इतने लोग मारे गये ओर कोई केंद्रीय मंत्री ना आया हो खासकर तब जब घटना कें दिन खुद देश का गृहमंत्री भोपाल मे थे ।
8)- पेटलावद ब्लास्ट देश की ऐसी पहली घटना थी जिसमे घायलों से मिलने 10 जनपथ का कोई व्यक्ति या उनका कोई प्रतिनिध पेटलावद आया हो उसके पहले खुद सोनिया गांधी का पीडितों से मिलने जाने का इतिहास रहा है ।
9)- प्रदेश या संभवत देश मे ऐसा पहली बार हुआ है कि घटना का जिम्मेदार एसपी/ एसडीएम / एसडीओपी/ टीआई/ को मानकर हटा दिया गया मगर कलेक्टर की कोई जिम्मेदारी तय नही की गयी है ।
10)- जिले के इतिहास मे पहली बार ऐसा कोई हादसा हुआ है जिसमे शव इतनी बुरी तरह क्षत विक्षिप्त हुऐ है
घायलों से पूछताछ का नया दौर शुरु
राजेंद्र कांसवा के रहस्य के बीच अब एसआईटी ब्लास्ट के घायल 78 लोगो से पूछताछ कर रही है यह पूछताछ दो दिन मे पुरी हो जायेगी । इस पूछताछ का एसआईटी का उद्देश यह है कि राजेंद्र कांसवा के जिंदा होने का कोई सुराग घायलों से मिल सके । इन सभी से एक ही सवाल किया जा रहा है कि क्या उन्होंने हादसे के बाद राजेंद्र कांसवा को देखा था ?