शेरे आर्य भूमि ने धर्मावलंबियों को दी नसीहत- पराई नारी पर को अपनी बहन-बेटी समझे

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राहुल राठौड़, जामली
श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन विशाल जनसैलाब उमड़ा प्रवचन का रसपान करने के लिए शेरे आर्य भूमि पंडित कमल किशोर जी नागर ने कहा कि लोग इधर उधर बैठे रहते हैं, लेकिन मंदिर जाने में परहेज करते हैं इधर उधर की बात करते हैं। पंडित अकेला भगवान की आरती उतारता है। ऐसा जमाना आ गया है कभी भी अपनी नजर पराई नारी नहीं रखना चाहिए नजर से हर नारी बेटी और बहन की तरह देखना चाहिए घड़ी तो अपने हाथ में पहन रखी है, लेकिन समय तो परमात्मा के हाथ में है बिना काम के जो काम करे उसे समय का व्यर्थ कहते हैं, चंचल मन है इधर उधर चला जाता है एक भाई ने तो सेवाएं ऐसी करी अपनी पंख से और दूसरे भाई ने सेवा करी अपनी आंख से दुनिया में सेवा करो उनकी जैसी मनुष्य जीवन में धर्म की रक्षा करना बहुत जरूरी हो गया है। सनातन धर्म की रक्षा करो मां के दूध में मिलावटी नहीं हो सकती डेयरी के दूध में जरूर मिलावट हो सकती है जिस घर में नारी ने अपना श्रंगार बिगाड़ कर रहती है। वह कोप भवन होता है भक्तगण भजनों पर थिरकते हुए नजर आ रहे थे उन्होंने भजन गाया नौका वाले हमें बिठा लो जाना है। गंगा पार प्रभु राम केवट से यह विनती कर रहे हैं ऐसे कई भजनों उन्होंने गाए जिस पर श्रद्धालु भावभीन हो गए आज तो पूरा खेल ग्राउंड खचाखच भरा हुआ दिखाई दे रहा था स्टेडियम पर बैठकर श्रीमद भगवत कथा का आनंद ले रहे थे।

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