चमार बेगड़ा में प्राथमिक शाला के बच्चे कवेलू के गलियारे में बैठ रहे हैं, प्रशासन का कोई ध्यान नहीं

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विजय मालवी, बड़ी खट्टाली 

एक ओर शासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल चलें हम एवं अनेक प्रकार की योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक बच्चों के प्रवेश शासकीय शालाओं में कराने की कवायदें की जाती हैं। अनेक योजनाओं के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों करोड़ों रुपए भी फूंके जाते हैं। लेकिन तहसील के अनेक शासकीय स्कूलों का उद्धार होता फिर भी दिखाई नहीं देता। शिक्षा विभाग के नुमाइंदों की लापरवाही के चलते तहसील के जोबट ब्लाक के ग्राम चमारबेगड़ा के बामनिया फलिया प्राथमिक शाला के बच्चे जर्जर कवेलू नुमा मकान मे पढऩे के लिए मजबूर हैं।ज्ञात रहे कि खट्टाली से 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम चमार बेगड़ा के बामनिया फलिया जहां पर एक से पांच तक प्राथमिक शाला संचालित है तथा 50 बालक अध्यनरत है। लेकिन दुर्भाग्य है कि, अलीराजपुर जिले के जोबट तहसील के ग्राम चमारबेगड़ा में छात्रों को बैठने के लिए कोई भवन नहीं है। बच्चे कवेलूनुमा एक कच्चे मकान में अध्ययन कर रहे हैं। इस और आदिम जाति कल्याण विभाग का कोई ध्यान नहीं है और नहीं विभागीय अधिकारी समय-समय पर भ्रमण करते हैं। यदि क्षेत्रीय अधिकारी समय-समय पर भ्रमण करें तो सारी वस्तुस्थिति उन्हें ज्ञात हो सके। जब इस प्रतिनिधि ने बामनिया फलिया चमारबेगड़ा का भ्रमण किया तो पाया कि स्कूल में बच्चे बड़े परेशानी में ही बैठ रहे हैं। 50 बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं है कई पालकों ने बताया कि उनके बच्चे परेशानी में है बैठते हैं। स्मरण रहे कि भवन के अभाव के कारण ना तो शौचालय ना पेशाब घर है। जिससे बच्चों को खुले में शौच करना पड़ रही है। जब इस प्रतिनिधि ने क्षेत्रीय विधायक सुश्री कलावती भूरिया का ध्यान आकर्षित किया तो उन्होंने बताया कि पूर्व 15 साल के शासन में भवन निर्माण नहीं हुआ। आप ने आश्वासन दिया कि उन्हें ग्रामीणों व पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से पत्र प्राप्त हुआ है। शीघ्र ही भवन बनाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को प्रेषित करूंगी।

इस संबंध में ग्राम पंचायत के सचिव चंदरसिंह जमरा ने बताया कि उन्होंने नवीन शाला भवन निर्माण का प्रस्ताव मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जोबट एवं क्षेत्रीय विधायक सुश्री कलावती भूरिया को चमारबेगड़ा प्रवास के दौरान दे दिया है।

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