Salman Shaikh@ Jhabua Live
पेटलावद। इस बार भी सांप्रदायिक सौहार्द्र का अद्भुत संगम होगा। पिछले साल की तरह इस साल फिर से गणेशोत्सव और मुहर्रम के दिन साथ आ रहे हैं। 1 सिंतबर से मुहर्रम शुरू होंगे और 2 तारीख से गणेशोत्सव। दोनों आयोजन दस-दस दिन के रहेंगे। नगर के कई ऐसे स्थान है जहां पर सार्वजनिक गणेश मंडल आयोजन करता है और वहीं पर मुहर्रम की नौवीं और दसवीं तारीख को ताजियों का जुलूस आता है। ऐसे में लगातार दूसरे साल दोनों ही पर्वों के आयोजक एक-दूसरे को पर्याप्त समय देकर आपसी सामंजस्य का उदाहरण देंगे। पिछले साल भी ऐसा हुआ तो दोनो वर्गो ने अपने-अपने हिसाब से समय में परिवर्तन कर आपसी भाईचारे की मिसाल दी थी, इस बार भी दो दिन ये संभावना होगी।
उल्लैखनीय है कि नगर में 10 दिन तक चलने वाले गणेशोत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए तैयारी शुरू हो गई हैं। शहर के कई संगठनों द्वारा गणेशोत्सव को लेकर पंडाल निर्माण, साज-सज्जा के लिए बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। वहीं गणेशोत्सव 2 सितंबर से शुरू होकर 12 सितंबर तक मनाया जाएगा। वहीं मुस्लिम समुदाय का नया साल 1 सितंबर से शुरू हो जाएगा। 10 सितंबर तक मोहर्रम पर्व मनाया जाएगा।
नगर में गणेशोत्सव के दौरान रंगारंग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस साल शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों में भगवान गणेशजी स्थापना की जाएगी। गणेशोत्सव को लेकर सभी समुदाय के लोगों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। खासतौर पर युवाओं ने आपस में चंदा एकत्रित कर गणेश प्रतिमा विराजमान करने की रूपरेखा बनाना शुरू कर दी है।
इन स्थानों पर विराजेंगे गजानन-
गणेशोत्सव पर शहर के नगर के श्रृद्धांजली चौक के सामने गणेश मंदिर, गणपति चौक, अंबिका चौक, शनि मंदिर, सुभाष मार्ग, राजापुरा, रंगरेज गली, झण्डा बाजार, भोई मोहल्ला, गांधी चौक सहित होली चौक, चमठा चौक में गणेश उत्सव समितियां 2 सितंबर को गणेशजी की स्थापना करेंगी। गजानन 10 दिनों के लिए विराजेंगे। इसके अलावा घरों में भी श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान गणेश की प्रतिमाओं को स्थापित किया जाएगा।
मोहर्रम: इस्लामी हिजरी का नया साल चांद रात की दूसरी तारीख ( दोज) से शुरू होगी। वाकयात-ए-करबला और शोहदाये करबला की वजह से मोहर्रम गमी का अवसर होता है। 31 अगस्त को चांद दिखते ही नया साल शुरू हो जाएगा। मोहर्रम की दस तारीख यानी 10 सितम्बर को ताजियों के जूलूस निकलेंगे। यह सिलसिला 8 रवि उल अव्वल तक जारी रहेगा।
मिट्टी के गणेश पहली पसंद-
पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष लोगों में गणेश चतुर्थी पर्व पर मिट्टी से बने गणेश पहली पसंद बने हुए हैं। मूर्ति विक्रेता हेमंत भट्ट ने बताया कि प्लास्टर आफ पेरिस से बनी मूर्तियां पर्यावरण के लिए घातक है और इन मूर्तियों को नदी तालाबों में विसर्जित करने के बाद भी जल्दी से नष्ट नहीं होते हैं। वहीं मिट्टी से बनी मूर्तियों से पर्यावरण में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है और इस मूर्ति को नदी तालाबों में विसर्जित करने पर तुरंत पानी में पूरी तरह से घुल जाती हैं। इस कारण से लोगों की पहली पसंद मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाएं बनी हुई हैं।
गणेश उत्सव पर होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम, श्रद्धालुओं में उत्साह-
गणेशोत्सव पर्व पर उत्सव पंडालों में भगवान का पूजन और आरती के साथ कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए कई उत्सव समिति की ओर से बाहर के कालाकारों की बुकिंग भी की जा रही है। इसके अलावा स्थानीय कलाकारों के द्वारा भी पंडालों में प्रस्तुति दी जाएगी।
मिट्टी के गणेश लाएं घर:
वरिष्ठ अभिभाषक वीरेंद्र व्यास का कहना है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से तालाबों और नदियों में होने वाले प्रदूषण से बचाने के लिए इस बार गणेश उत्सव पर्व पर भक्त लोग अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा मिट्टी से बनी हुई लेकर आएं। प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों के कारण तालाब प्रदूषित होते हैं।
मिट्टी से बनी प्रतिमा स्थापित करें:
एसडीएम एमएल मालवीय का कहना है कि पर्यावरण बचाओ के लिए लोगों को मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाओं की पंडाल और घरों में स्थापना करें। ऐसा करने से हम पर्यावरण का संरक्षित कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी: खरीदारी शुरू
नगर में गणेश उत्सव श्रद्धालुओं के सिर पर चढक़र बोल रहा है। स्थिति यह है कि गणेश चतुर्थी पर्व के लिए बाजार में बिकने के लिए भगवान की प्रतिमाएं आ चुकी हैं। यह मूर्तियां 50 रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक की मिल रही हैं। वहीं गणेश मंडलों द्वारा उत्साह के साथ प्रतिमाओं की बुकिंग कराई जा रही है।