दावे हवा-हवाई: बिल पहुंचा 5 दिन बाद और पहले ही काट दी ग्रामीणो की बिजली, SEE VIDEO

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Salman Shaikh@ Jhabua Live
पेटलावद। सरकार और प्रशासन द्वारा शहरो से लेकर गांवो तक और गांवो से लेकर फलियो तक बिजली देने का वादा अब छलावा बनकर रह गया है। एक तो बिजली मिलती नही और ऊपर से थमा दिऐ जाते है अधिक राशि के बिजली बिल, जब कोई गरीब बिल नही भर पाता है तो उसके कनेक्शन काट दिए जा रहे है। यही नही कहीं-कहीं तो बिजली के बिल पहुंचते है 5 दिन बाद और विद्युत सप्लाय पहले ही काट दिया जाता है। ऐसे में सरकार के दावे हवा-हवाई बनकर रह गए है।
मामला पेटलावद विकासखण्ड के ग्राम बावड़ी के खालीपड़ा फलिए का है। दरअसल, इन दिनो बिजली विभाग की मनमानी से त्रस्त है। हालात यह है कि पिछले कई दिनो से ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर है। बिजली कटने से सबसे ज्यादा कोई परेशान हुआ है तो वह स्कूली बच्चे, जिनकी पढ़ाई पर सबसे ज्यादा गहरा असर पड़ा है। ऐसे में अब शासन-प्रशासन पर सवाल उठना लाजमी है।
कमाते 3 हजार और बिल आ रहा अधिक-
ग्रामीणो का कहना है कि एक और सरकार कहती है 100 यूनिट तक 100 रूपए ही लगेंगे, लेकिन धरातल पर ऐसा हो नही रहा है। यहां के ग्रामीण मजदूरी कर 3 हजार रूपए महीने कमाते है और इन ग्रामीणो को बिजली का बिल दिया जाता है एक हजार 800 रूपए का, ऐसे में घर का खर्चा, बच्चों की पढ़ाई का खर्चा और ऊपर से फिर कर्ज, यह सब अब ग्रामीणो पर भारी पड़ गया है।
ग्रामीण सोमला डामर, भारत मैड़ा, रमेश भाभर, वरसिंह मैड़ा, नाथू भाभर ने आरोप लगाया कि पिछले महीने विविकं के कर्मचारी सभी ग्रामीणो से 100 रुपए हर घर से लेकर गए थे, लेकिन न बिल दिया ना रसीद दी। इसके बाद इस माह भी उन्होने लाईट कटने के डर से कर्मचारी को 100 रूपए हर घर से दे दिए, लेकिन बिजली का बिल उन्हें 27 अगस्त को दिया गया और विद्युत सप्लाय उनका 5 दिन पहले ही काट दिया गया।
इन ग्रामीणो को दिया गया अधिक बिजली का बिल-
सोमला डामर को 1 हजार 553, वरसिंह मैड़ा को 1 हजार 599, नाथू भाभर को 1 हजार 189 सहित ऐसे कई ग्रामीण है जिन्हें महिने का इतना बिल दिया गया कि उनकी आधी से अधिक मजदूरी की कमाई बिल भरने में ही चली जाएगी। यहीं नही कोई ग्रामीण तो ऐसे है जिनके घर 2 बल्ब है और तो और वह गुजरात से लोटे तो उनके घर बिजली कटी मिली और बिल अधिक राशि का थमा दिया गया। कई ग्रामीण विविकं की इस तानाशाही रवैये से परेशान है।

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