दो दशक बाद हथिनी नदी में आई बाढ़ से पुल की सड़क की दोनों पट्टी कटी, खेतों की फसलें हुई बर्बाद

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

आम्बुआ तथा समीप ग्राम बोरझाड़ के मध्य बहने वाली हथनी नदी में बारिश के चलते दो दशक बाद ऐसा रौद्र रूप दिखाया कि देखने वाले सिहर उठे वहीं बाढ़ का तांडव समाप्त होने के बाद उसमें हुई तबाही का मंजर देखकर बाढ़ की भयानकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। आम्बुआ तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में विगत लगभग सप्ताह भर से कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश का दौर जारी है वर्षा के कारण विगत दिनों अडवाड़ा के भेरुसिंह तथा शीतगांव के शंकर पिता किशन का एवं आम्बुआ में राम मंदिर पुजारी शंकर लाल पारीख के मकान की दीवार गिर गई। 9 अगस्त की दोपहर लगभग 1 बजे हथनी नदी में 23 साल बाद भयानक बाढ़ आई बाढ़ का पानी नदी पर बने पुल के ऊपर बहा तो उसकी सहायक नदी कटारिया नाले का पानी रुक जाने के कारण उसका पानी शैलेंद्र विहार की दीवाल तोड़ता हुआ सामने स्थित स्व. ठाकुर हिम्मत सिंह राठौर की पुश्तैनी जमीन पर लगे आम के बगीचे जो कि स्व. श्री शैलेंद्र राठौर की भूमि है उसी से लगी डॉ. राजेंद्र सिंह एवं श्री लोकेंद्र सिंह राठौर के खेतों में खड़ी मक्का उड़द कपास के साथ ही आम के बगीचों को भारी नुकसान पहुंचा। बाढ़ का पानी उतरते के बाद पता चला कि स्टेट लाइन के पुराने पुल पर आवागमन बंद है मैं भी बड़ा गहरा गड्ढा हो गया है ।नदी पर बने नए पुल के दोनों तरफ आम्बुआ एवं बोरझाड़ की ओर की सड़क पटिया गहराई तक क्षतिग्रस्त हो गई है जिसकी यदि समय रहते मरम्मत नहीं कराई गई तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। आम्बुआ में अमान पठान, शंकर लाल पारीख, सुरेश वाणी, सत्यनारायण पडियार, गोपाल राठौड़, कांतिलाल राठौड़, तथा बोरझाड़ के कमलेश, गोबरिया, राजेंद्र, गोविंदा, अमित गोयल, काले खां, शब्बीर भाई, बाबू भाई आदि ने मांग की है कि सड़क बनाने वाले ठेकेदार से अविलंब मरम्मत कार्य कराया जाए।

 

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