खाद फैक्ट्रियों में रंग-बिरंगी थैलियों में रि-पैकेजिंग कर क्षेत्र में चल रहा है नकली खाद बनाने का गौरखधंधा

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर

किसान बारिश होने के इंतजार होने के बाद अब अपने अपने खेतों में फसल की बुवाई के साथ जमीन को उपजाऊ बनाए, उससे पहले ही उनके साथ मेघनगर के अधिकतर नकली खाद बनाकर ठगी करने वाले सक्रिय हो गए हैं। इन ठगों ने किसानों को नकली खाद बेचकर उन्हें धोखा देने से बाज नही आ रहे है। मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र में नकली खाद बनाने वाले रंग बिरंगी थैलियों में अलग अलग नाम की ब्रांडिंग करके बिना किसी माप दंड के फैक्ट्री में पैकेजिंग कर रहे है।

राजस्थान व स्थानीय कारखानो के वेस्ट डस्ट से बनता नकली खाद

नकली खाद बनाने वाला मेघनगर का गिरोह भोपाल कृषि विभाग से फर्टिलाइजर लाइसेंस बनवाकर बिना लैबोरटरी अप्रुवल के नकली खाद और पावडर बनाने का काला खेल काफी लंबे समय से मेघनगर में चल है। मेघनगर और औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों द्वारा राजस्थान के बांसवाड़ा से मार्बल कटिंग होने पर जो सफेद पाउडर वेस्ट के रूप में निकलता है। वह मेघनगर फैक्ट्रियों नकली खाद फैक्ट्री में लाया जाता है जिसके बाद उसमें सफेट चुने के समान दिखने वाले हजार (मार्बल वेस्ट) पाउडर में जिप्सम व केमिकल के साथ स्पेंड एसिड मिलाकर मिक्स कर नकली खाद की अलग अलग नामो की रंग बिरंगी छपी हुई बोरियों में भर दिया जाता है जिनका कोई मापदंड या टेस्ट मेघनगर नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों में किया जाता ना ही किसी फैक्ट्री में लैब है। इतना ही नहीं मेघनगर की कुछ फैक्ट्रियों द्वरा वेस्ट हजार डस्ट पीथमपुर भेजना होता लेकिन ये नकली खाद बनाने के उपयोग में लाकर इस्तेमाल किया जाता है।अब जिन रंग बिरंगी थैलियों में अन्नदाता किसान को अच्छी ब्रांडिंग व 16 प्रतिशत सीटोफाइट के नाम का टॉप खाद के सपने दिखाए जाते है। वास्तव में मेघनगर खाद बनाने वाली फैक्ट्रियां उन बोरियों में खाद नहीं मिट्टी भर कर किसानों से खिलवाड़ कर रही है व नकली खाद से भूमि को उपजाऊ नहीं बंजर बनाने का कार्य मेघनगर में उद्योग चला रही नकली खाद की फैक्ट्रियां कर रही है रही। अन्नदाता पहले ही फसल की कम कीमत मिलने से ठगा जा रहा है अभी नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्री अन्नदाता के पेट पर बट्टा लगाने से बाज नही आ रही है। वहीं स्थानीय प्रशासन एवं कृषि विभाग के नुमाइंदे इन नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों से मोटी रकम वसूल कर चुप्पी साधे हुए हैं अब आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री 9 अगस्त को झाबुआ के एक दिवसीय दौरे पर रहेंगे तब यह शासन प्रशासन के अधिकारी इन नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों पर क्या सफाई पेश करते हैं यह आने वाला वक्त तय करेगा।
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