पर्यावरण सरंक्षण के प्रति प्रशासन का उदासीन रवैया, समाजसेवक सक्रिय..

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Salman Shaikh@ Petlawad

परिवार और समाज के तरह लोगो में पर्यावरण को स्वच्छ रखने के प्रति भी विशेष जिम्मेदारी होनी चाहिए और यह सब हो रहा है इन दिनो धार्मिक नगरी पेटलावद में। युवाओ द्वारा जगाई पर्यावरण संरक्षण की अलख को चारो ओर खूब सहयोग मिला। लोगो ने एक कदम पर्यावरण संरक्षण की ओर बढ़ाकर अपने घरो, खेतो, कार्यालयो के आगे एक-एक पौधा लगाया। जो आने वाले भविष्य के लिए बेहतर साबित होगा।

शुक्रवार को ग्रीन पेटलावद संस्था के कार्यकर्ता कॉलेज ग्राउंड पहुंचे। यहां उन्होनें कॉलेज स्टाफ की मदद से 250 पौधो का रोपण किया, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। खेर इस संस्था को इस रिकार्ड से कोई मतलब नही। संस्था द्वारा यहां पौधे लगाने के बाद शासकीय स्कूल में पहुंचकर स्कूली स्टाफ के सहयोग से अलग-अलग प्रजाति के पौधे लगाए गए। वहीं शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष महेंद्र हामड़ और उनके पुत्र का अवतरण दिवस होने से उन्होनें अपने खेत पर पहुंचकर पीपल का वृक्ष लगाकर अपना अवतरण दिवस मनाया। साथ ही उन्होनेें नगरजनो से अपील की है कि अगली पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना हम सबकी जिम्मेदारी बनती है। प्रत्येक व्यक्ति एक पौधा अवश्य लगाए।

प्रशासन निष्क्रिय, समाजसेवी सक्रिय-

उल्लैखनीय है कि प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रशासन हर किसी का ध्यान पर्यावरण की ओर आकृष्ट करता है, लेकिन इस बार ऐसा कोई भी आयोजन देखने को नही मिला। इससे यह कहा जा सकता है कि हर वर्ष कार्यक्रम आयोजित कर खानापूर्ति की जाती रही है और वहीं दूसरी ओर नगर सहित ग्रमीण अंचल के कुछ समाजसेवक और पर्यावरणप्रेमी पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए पौधारोपण की मुहिम चला रहे है। जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ा संकल्प है, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि हर वर्ष जंगलो को हरा-भरा रखने का दावा करने वाल प्रशासन सहित वन विभाग द्वारा इस वर्ष ऐसा कोई आयोजन या कार्यक्रम क्यो नही किया गया। वन विभाग की बात की जाए तो वह केवल पौधे देने तक ही सीमित है। यहीं नही एक बड़ी बात यह सामने आ रही है कि जो पौधे वन विभाग द्वारा लगाए गए वह चल नही पाए।

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