मापदंड में उलझा बेटियों का भविष्य, हायर सेकंडरी स्कूल का दर्जा न मिलने से पढ़ाई छोडऩे को मजबूर छात्र-छात्राएं

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सिराज बंगडवाला, खरडूबड़ी
सरकारे शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए लाख जतन करे पर ग्रामीण क्षेत्रों में इसका सीधा फायदा छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है। शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष सरकारे अपने बजट में करोड़ों रुपए जारी करती है तो स्कूल चलें जैसे अभियानों के प्रचार-प्रसार के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन विंडबना यह है कि खरडूबड़ी में हाईस्कूल को हायर सेकंडरी का दर्जा न मिल पाने से छात्रों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। गौरतलब है कि खरडूबडी मेें हाईस्कूल पिछले पांंच साल से संचालन हो रहा है जिसमें बालिका की पढाई भी अच्छी हो रही हैं जिसके कारण यहां पर 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के दौरे के समय हाईस्कूल प्राचार्य व ग्रामीणों द्वारा हाईसेंंकडरी स्कूल करने का आवेदन सौंपा था, तो वहीं तत्कालीन सांसद कांतिलाल भूरिया व तत्कालीन पेटलावद विधायक निर्मला भूरिया को हाईसेकंडरी स्कूल के लिए ज्ञापन सौंपे गए लेकिन सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला जबकि इस वर्ष इस स्कूल का हाईस्कूल परीक्षा परिणाम भी बेहतर है। इस स्कूल में करीब 10 ग्रामों के विद्यार्थी शिक्षा का लाभ ले रहे हैं। इसी के साथ हायर सेकंडरी स्कूल नहीं होने के चलते कई बालिकाएं आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाती है और दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देती है। कई अभिभावक अपने बच्चों को अन्य स्थानों पर पढ़ाई के लिए नहीं भेज पाते है और नतीजा बच्चों की पढ़ाई छोडऩे के रूप में सामने आ रहा है।

इस वर्ष भी करीब 20 छात्राओ के साथ ऐसा हो रहा है जिन्हें अपने परिवार वाले दूर पढाई के लिए भेजने के लिये तैयार नहीं है वो चाहते भी हैं की उनकी दोस्त आगे पढाई कर रही है वैसे हम भी पढाई करें किन्तु परिवार की मजबूरी के कारण पढाई छोडना पड रही हैं जिससे उनके आगे पढने के सपने धरे रह जाते हैं तो कई लड़कियों के परिजन उन्हें अन्य जगह सुरक्षा की दृष्टि से पढ़ाई के लिए नहीं भेज पाते हैं। शासन द्वारा हर स्तर पर स्कूल खोलने के मांपदंड तय किया जाता हैं जिसमें अलग अलग नियमों के आधार प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एव हाईसेकंडी स्कूल खोले जाते है, शासन को चाहिए कि वह खरडूबड़ी को हाईसेकंडरी स्कूल का दर्जा देकर क्षेत्र में रहने वाले छात्रों को इसका लाभ पहुंचाए ताकि हायर सेकंडरी की पढ़ाई के लिए छात्रों को अन्य स्थानों पर भटकना न पड़े।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला मीडिया प्रभारी बुरहान बंगडवाला ने कहा कि 2014 में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के जनआशीर्वाद यात्रा में खरडूबड़ी पहुंचे तब अभाविप ने उन्हें हायर सेकंडरी स्कूल का दर्जा खरडूबड़ी को देने के लिए ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अभी तक यह नहीं हो पाया है। हायर सेकंडरी स्कूल का दर्जा मिल जाता तो कई छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई अनवरत जारी रख पाते।

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