मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
नौतपा या रोहिणी का असर यो तो क्षेत्र में विगत 5 दिनों पूर्व से ही महसूस किया जाने लगा था। मगर 25 मई से इसका असर अधिक दिखाई दिया है लोग घरों में दुबक रहे हैं जिस कारण बाजार तथा सडक़ों पर दोपहर के समय सन्नाटा दिखाई दे रहा है। जैसा की विदित है वर्ष में एक बार ग्रीष्मा ऋतु में जेष्ठ माह में नौ दिनों के लिए रोहिणी यानी कि नौतपा का समय रहता है 9 दिनों तक सूरज अपनी पूरी क्षमता के साथ धरती को तपाता है। सूरज की तेज धूप तथा गरम लू के थपेड़ो कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। इस वर्ष यह समय 25 मई से प्रारंभ हुआ है भयंकर तपिश के कारण सुबह 10 बजे बाद तथा शाम 6 बजे के पूर्व तक लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है बाजारों तथा सडक़ों पर कफ्र्यू जैसे हालात है। लोग अपनी स्थिति के अनुसार पंखे कूलर तथा ऐसी की शरण में पहुंचकर गर्मी से बचाव कर रहे हैं जिसके पास यह भी नहीं है वह पेड़ों की घनी छांव में आराम कर रहे हैं बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकला जा रहा है। हालांकि क्षेत्र में शादी विवाह का समय भी चल रहा है जिस में शामिल होने के लिए मजबूरी में लोग आ जा रहे हैं अभी 7 दिन तक यही हालत रहना है
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