पेटलावद मे हुए ब्लास्ट मे थांदला का युवक  बचा

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट
9 पेटलावद मे हुए दर्दनाक हादसे मे कई लोगो ने अपनी जान गवाई ऐसे मे घटना स्थल पर से बच निकलना किसी चमत्कर से कम नही था परन्तु ऐसा चमत्कार थांदला के दो युवकों के साथ हुआ हादसे के समय थांदला का युवक मांगीलाल राठौर एवं साथी होटल मे ही मोजुद था ओर इस मोत के मंजर को अपनी आखों से देखा। बिल्डीग धराशयी हुई मलबा भी उस पर गिरा परन्तु उसकी जान बच गई। भास्कर से बात करते हुए राकेश के हाथ पेर कांप रहे थे घटाना का खोफनाक दृश्य उसकर आखो के सामने घुम रहा था उसके एवं परिजन के चहरे पर खुशी एवं दुख के आसुं झलक रहे थे । वे समझा ही नही पा रहे थे कि किस तरह अपने हालात बया करे। नम खोफ से भरी आखों से राकेश ने बताया की वह एवं उसका एक साथी मनसु बदीया पणदा बदनावर निजी काम हेतु जा रहे थे पेटलावद सेठीया होटल पर नाश्ता करने रुके। कुछ ही देर मे पास के मकान से जोर के धमाके की आवाज आई एवं ताला लगे मकान के दरवाजों ने धुआ निकलाता दिखाई दिया। थोडी ही देर मे इस घटना को देखने आस पास के सैकडो लोग वहा इक्क्ठे हो गये और उसी समय गुजरात की एक कार वहा आकर खडी हुई तभी अचानक से एक ओर जोरदार धमाका हुआ। चारों ओर अंधीयारा छा गया। मुझ पर गिरने वाला मलबा किसी टांड से टकराकर आने से सिधा न गिरने से मुझे हाथ व पावं मे मामुली चोटे ही आई मेरे साथी के भी सिर चोट आई । मै ओर मेरे साथी सहीत होटल मे 6 लोग ओर थे मै मेरा साथी एवं पेटलावद का एक ओर व्यक्ति वहा से कैसे बच निकले हमे भी नही पता । होटल के मालिक सेठिया के गर्दन पर उपर से एक फर्श गले पर गिरा ओर उनकी मोके पर ही मृत्यु हो गई। होटल मे 2 स्कूल के बच्चे भी थे वे भी बच नही पाये । धमाके के कुछ देर बार जब धुए एवं धुल से हुआ अंधीयारा हटा तो मलबे से पुरी तरह धुल मिट्टी मे सने हुए बाहर निकल कर देखा तो चारों ओर लाशों के ढेर लगे थे । मेने अपने इश्वर एवं माता पिता को याद किया की शायद आपके आर्शिवाद से मुझे जिवनदान मिला।

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