भारत के बंटवारे के हीरो जिन्ना के प्रति गुमानसिंह के मन में उमड़ा प्रेम, भाजपा के राष्ट्रवाद की उड़ाई धज्जियां : डॉ. विक्रांत भूरिया

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झाबुआ लाइव डेस्क
लोकसभा चुनाव के 5वें दौरे में संपन्न हुए चुनाव के बाद अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा से देश के मतदाताओं का मोह भंग हो चुका हैं। 2014 के चुनाव में भाजपा पार्टी ने देशवासियों से जो वादे किये थे उनको जुमला बताकर भाजपा ने उनसे पिंड छुड़ा लिया हैं। इस चुनाव में इसी कारण वह अपने पांच साल के कार्य की इस चुनाव में चर्चा न करते हुए ओछे प्रसंगों को उछाल कर दुनिया में भारत के प्रजातंत्र कि जग हसांई कर रही हैं। इस समय भाजपा की संभावित हार से प्रधानमंत्री मोदी से लेकर रतलाम-झाबुआ लोकसभा के प्रत्याशी गुमानसिंह तक सभी नेता पूरी तरह से बौखलाएं हुए है और अपना दिमागी संतुलन खो बैठे हैं एवं अर्नगल बयानबाजी पर उतारू हो गये हैं लोक सभा चुनाव के भाजपा प्रत्यापशी गुमानसिंह डामोर ने आज एक चुनावी सभा में कहा कि भारत के बंटवारे के लिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्व. पंडित जवाहरलाल नेहरू जबाबदार हैं और आगे बढक़र डामोर ने कहा कि यदि मोहम्मद अली जिन्ना भारत के पहले प्रधानमंत्री होते तो देश का बंटवारा नहीं होता। डामोर के इस बयान पर पलटवार करते हुए युवा नेता डा. विक्रात भूरिया ने आज जारी बयान में कहा कि नरेन्द्र मोदी और भाजपा के नेता इन दिनों पाकिस्तान को लेकर डबल गेम खेल रहे हैं वे देशवासियों को धोखा देने के लिए अपने भाषणों में तो पाकिस्तान और उनकी सरकार व नेताओं की आलोचना करते हैं और भितर ही भितर भाजपा नेताओं के दिलों में पाकिस्तान एवं जिन्ना के प्रति जबर्दस्त प्रेम उमडता रहता हैं मोदी का पाक प्रेम तो पिछले पांच सालों में कई बार उजागर हो चुका है।
हैंडपंप व नलकूपों की आधी-अधूरी बोरिंग कराने के बाद रिटायर होने के बाद राजनीति में आये गुमानसिंह ने मोदी की इसी नीति के साथ शायद उसको जोड़ लिया हैं आप के उनके इस बयान से इस सत्यक की पुष्टि हो गई हैं। डॉ. भूरिया ने आगे कहा कि डाल मूलत: इंजीनियर है इतिहास तो उन्हों ने जिंदगी में पढना तो दूर देखा भी नहीं हैं भारत के इतिहास की जानकारी शून्य हैं। यह शर्मनाक बात कहने के पहले शायद उन्होंने सही इतिहास पढ़ लिया होता तो देश के बंटवारे के 70 साल बाद वे आधार हीन और अविश्सनीय बात कभी नहीं कहते।
डॉ. विक्रांत भूरिया ने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से दो सवाल पूछे हैं कि पहला सवाल यह हैं कि गुमानसिंह डामोर के पाकिस्तान प्रेम को लेकर क्या भाजपा सरकार उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह के अपराध कायम कर कोई कार्रवाई करेगी?
दूसरा सवाल कि भाजपा के पितृ पुरूष लालकृष्ण अडवाणी ने जब पाकिस्ताान में जाकर उनकी समाधि पर जिन्ना को महामंडि़त कर जो प्रेम दर्शाया था तब उनकी पार्टी ने उन्हेंक इतनी सख्त सजा दी की पार्टी में उनको बार बार अपमानित किया गया और अब वे भाजपा की सक्रिय राजनीति से सदा सदा के लिए बेदखल हो गये हैं।
ऐसी स्थिति में भाजपा का शीर्ष नेतृत्वे गुमानसिंह के देशद्रोही आचरण पर पार्टी से बाहर करने की कार्यवाही करेंगीं। यदि भाजपा नेतृत्व गुमानसिंह पर कोई कार्रवाई नहीं करता हैं और सरकार भी कोई कदम नहीं उठाती हैं तो यह माना जाएगा कि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व और उसकी केन्द्री सरकार डामोर के पाक प्रेम का समर्थन करती हैं।
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