झोलाछाप डॉक्टर के मकडज़ाल में ग्रामीणों की जिंदगी, जमकर काट रहे चांदी, जिला स्वास्थ्य अमला हुआ बेरपवाह

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से आए दिन कोई न कोई मरीज मौत के मुंह में जा रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग उन पर अंकुश लगाने में नाकाम है। विभाग के पास ऐसे डॉक्टरों की अनुमानित संख्या तक नहीं है। ऐसे में कार्रवाई तो दूर उनकी पहचान करने में ही काफी वक्त लग सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या घटने के बजाए दिनोंदिन बढ़ रही है। गांवों व कस्बों में स्वास्थ्य केंद्रों की कमी कहीं न कहीं ऐसे डॉक्टरों के पनपने का कारण बन रही है। मेघनगर ब्लाक में लगभग एक लाख की आबादी के इलाज के लिए सरकारी स्तर पर गिने चुने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें से अधिकांश में उपकरण, चिकित्सक व स्टाफ की कमी है। जहां चिकित्सक मानकों के अनुरूप हैं वहां मरीजों की संख्या इतनी अधिक है कि चाहकर भी लोगों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता। यहींए वजह है कि गांव व कस्बों की आबादी झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करने के लिए विवश है। झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या की सही जानकारी इसलिए पता नहीं चल पाती है कि ऐसे डॉक्टर कार्रवाई के डर से एक जगह ज्यादा दिनों तक टिक कर नहीं रहते।

झोलाछाप डॉक्टरों के पास नहीं है कोई डिग्री-
ऐसा कोई भी चिकित्सक जो इंडियन मेडिकल काउंसिल व सेंट्रल काउंसिल फॉर इंडियन मेडिसिन से पंजीकृत न हो, झोलाछाप डॉक्टर की श्रेणी में आता है। साथ ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अधिनियम 1956 के शिड्यूल 1, 2 व 3 के तहत चिकित्सीय योग्यता नहीं रखता हो। ऐसे सभी डॉक्टर जो प्रैक्टिस करने वाले प्रदेश से पंजीकृत न हों जो मुख्य चिकित्सा के अधीन पंजीकृत न हो। तकनीकी भाषा में ऐसे डॉक्टरों को अवैध डॉक्टर की संज्ञा दी गई है। प्रत्येक गांव में झोलाछाप डॉक्टर विशेषज्ञों की मानें तो बंगाली क्लीनिक चलाने वाले लगभग 90 प्रतिशत डॉक्टरों के पास कोई डिग्री नहीं होती। इसके अलावा कई डॉक्टर ऐसे भी हैं जो कोई डिग्री न होने के बावजूद मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। गांवों में विभिन्न नामों से झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें चल रही।

इन क्षेत्रों में झोलाछाप डाक्टरों की भरमार–
मेघनगर ब्लॉक की बात करें तो यहां पर मेघनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आसपास आजाद चौक, बस स्टैंड मेघनगर, ग्रामीण क्षेत्र में रंभापुर, मदरानी मांडली, काकनवानी, हरिनगर में ऐसा कई झोलाछाप डॉक्टर उपस्थित है जो मरीजों को मीठा जहर यह झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीणों का इलाज करने की एवज में मोटी रकम ऐंठकर आर्थिक रूप से बेहद सक्षम हो चुके हैं।

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