भूपेंद्र बरमण्डलिया@मेघनगर
झाबुआ जिले के मेघनगर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने आंगनवाडी केंद्रों पर कम तो अपने निजी कामो पर ज्यादा ध्यान देती है।आगनवाडी के समय कई कार्यकर्ता अपनी दुकानदारी चलाने में मशगूल है । इतना ही नही कई आगनवाडी केंद्र घरो में संचालित हो रहे । मगर आसपास वालो को भी खबर नही की यहाँ आगनवाडी केंद्र है या घर ताजा मामला ग्राम लुहार तोडी का है जहाँ एक मकान में उप आगनवाडी केंद्र का संचालन कार्यकर्ता संचालित की जा रही है मगर यह कार्यकर्ता द्वारा अपने केंद्र पर अनुउपस्थित पाई गई इतना ही नही ,जब कार्यकर्ता के बारे में जानकारी चाही तो पता चला कि वह गुजरात अपने निजी काम से गई हुई है। अगर बात भोजन की जाए तो समूह द्वारा भोजन नही दिया जा रहा है। आगनवाडी केंद्र पर 25 बच्चे दर्ज है। मगर वहाँ 3 बच्चे मौजूद थे , वह भी स्कूल जाने वाले , इतना ही नही आगनवाडी केंद्र पर आगनवाडी केंद्र का बोर्ड नही है। ऐसे में झाबुआ लाइव की टीम ने मेघनगर सहित आंगनवाडी नाइटोडी पहुचे तो वहां बच्चे और कार्यकर्ता मौजूद थी | ऐसे में कई आंगनवाड़ी यो पर निरीक्षण किया गया तो अधिकांश घरो में संचालित आगनवाडी कार्यकर्त्ता नदारद थी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि घरो में संचालित आगनवाडी केंद्रों पर कोई कार्यवाही क्यो नही की जा रही है। जब इस मामले में सेक्टर सुपरवाइजर से लुहार तोड़ी आगनवाडी केंद्र पर कार्यकर्ता की अनुपस्थिति के सम्बंध में जानना चाहा तो उन्होंने मीटिंग में हु । साथ ही कार्यकर्ता द्वारा अवकाश की कोई सूचना नही दी गई है कार्यकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
इस सम्बंध में परियोजना अधिकारी वर्षा चौहान को इस बारे में जानकारी दी गई तो उन्होंने दिखवाने की बात कही।
अब सबसे बड़ा सवाल?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मेघनगर सहित मांडली, मदरानी , देवीगढ़, पिपलखुटा, रंभापुर , सहित विभिन्न सेक्टरों में आगनवाडी केंद्रों के हाल बेहाल है ऐसे में कई बार सुपरवाइजर द्वारा बन्द केंद्रों का पंचनामा तो बनाया जाता है। मगर अधिकारी ऐसे मामलों में कोई कार्यवाही करने की बजाय चुप्पी साध लेते है कई आगनवाडी कार्यकर्त्ता नियम के विरुद्ध अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए जिनकी भनक, न तो सुपरवाइजर को है न परियोजना अधिकारी को ऐसे में जिले के नवागत महिला बाल विकास अधिकारी ऐसी कार्यकर्ताओं पर क्या कार्यवाही करते है यह तो वक्त बताएगा ।
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