झाबुआ LIVE विशेष: श्वानो को बाटी खिलाकर मनाई गई होली, 72 वर्षो से चली आ रही यह अनोखी परंपरा

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live..
मप्र के झाबुआ जिले के पेटलावद शहर में अंबिका चौक में होली के दूसरे दिन एक प्रथा लंबे समय से चली आ रही है। जिसमें होली की आग में लगभग 1 क्विंटल आटे की बाटियां बनाई जाती है जो कि नगर में जानवरो को खिलाई जाती है।
यह प्रथा लगभग 72 वर्ष से चली आ रही है। जिसमें एक समिति बनी हुई है। यहीं नही समिति ने श्वानों के नाम से 10 साल के लिए एब्डी भी करा रखी है। जिसमें लगभग 40 हजार रूपए की राशि है। इसके ब्याज से ही उक्त आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित होता है। इसके लिए समिति को किसी से भी पैसे मांगने की जरूरत नही होती है।
इन्होने शुरू की थी यह परंपरा:
करीब 72 वर्ष पहले स्वर्गीय कन्हैयालाल सोनी, स्वर्गीय नारायण सोनी, वयोवृद्ध गोपाल वर्मा, भैरूदास बैरागी, कालाराम कोठारी, शांतू नाथूलाल चाणोदिया, राजमल गुगलिया ने यह अनोखी परंपरा शहर में शुरू की थी और सबसे पहले आटे की बाटी बनाकर श्वानो को खिलाई थी बस वहीं से यह परंपरा अब या तो उनके परिजन या फिर मोहल्ले के समाजसेवी कायम रखे हुए है।
हर पूर्णिमा को करना चाहता है यह पूनीत कार्य:
समिति के सदस्यो का मन है कि यदि पैसा अधिक होता है तो वे हर पूर्णिमा पर इस प्रकार का आयोजन करने की सोच रहे है। इसके लिए जन सहयोग लिया जाएगा।
वयोवृद्ध गेंदालाल वर्मा ने बताया कि सन् 1941 से वह स्वयं इस कार्य में लगे है आर आज तक एक भी गेप नही हुई है। प्रतिवर्ष उक्त आयोजन किया जाता है। मुख्य सहयोगी ब्रदीलाल सोनी का कहना है कि बाटियां बनाकर जानवरो को वितरीत की जाती है। इस बार 100 किलो आटे की बांटी बनाई गई, जिसे श्वानों को खिलाई गई। गौरव सोनी का कहना है कि उनके द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा में दो खाते खुलवाए गए थे, जो पूरे हो गए, अब नर्मदा झाबुआ-ग्रामीण बैंक में जो 40 हजार की राशि आई थी उसकी एबडी करा दी, इसके ब्याज से हर वर्ष व्यवस्था होती है, वहीं कोई समाजसेवी इसमे अपनी श्रद्धा से भी दान करते है।
वहीं गोपाल वर्मा का कहना है कि इस समिति में 20 से अधिक लोग शामिल है। जो कि हर वर्ष अपना सहयोग देकर इस पुनीत कार्य को पूर्ण करवाते है। समिति में नंदकिशोर चौहान, राजेंद्र मालवी, डॉ. कमल कुशवाह, नरसिंह चावड़ा, आजाद गुगलिया, प्रदीप सोनी, कालू भाई, बाबू भाई, बबलू सोनी, कैलाशचंद्र सोनी, प्रफुल्ल शुक्ला, नरसिंह भाई चांवड़ा, कन्हैयालाल गवली, माधव शर्मा, पुरुषोत्तम सोनी, पारस सोनी, कैलाश कैथूनिया, डॉक्टर सोलंकी, सुरेश सोनी, सिद्धार्थ गुगलिया, ऋषभ सेठिया, सुभाष पंवार, चेतन मालवी आदि शामिल है।

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