शिवगंगा बहुउद्देश्यीय ग्राम इंजीनियरिंग वर्ग का चार दिवसीय प्रशिक्षण में जुटे ग्रामीण

0

विपुल पंचाल, झाबुआ
कृषि, प्राकृतिक खेती, रैन वाटर हारवेस्टिंग, मातावन आदि के लिए शिवगंगा झाबुआ के नये पुराने कार्यकर्ता तकनीकी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में अपने पूर्व ज्ञान का पुनर्अध्ययन करते हैं। शिवगंगा समग्र ग्राम विकास परिषद के द्वारा यह वर्ग इस वर्ष नेमा नगर इंदौर चल रहा है। होली के पहले अनेक गांवों में शिवगंगा के कार्यकर्ता तालाब बनाने की आधुनिक तकनीकी को समझने के लिए प्रतिवर्ष इंदौर में आते हैं। इस प्रशिक्षण का नाम ग्राम इंजीनियरिंग वर्ग है। इस वर्ग में वर्षा जल को रोकने की अनेक विधियों को बारीकी से समझाया जाता है। यह तकनीकी सिखाने एसजीएसआईटीएस के प्रोफेसर सहित तालाब बनाने के विद्वान इंजीनियर आते हैं। तालाब बनाने और अन्य जल संरचनाओं को शिवजटा के नाम से संबोधित किया जाता है। तकनीकी के अलावा गांव के लोगों को इक_े करना तथा एकत्रित समूह को मिल-जुलकर काम करने का अभ्यास भी इस ग्राम इंजीनियरिंग वर्ग में सिखाया जाता है। गांव में सभी स्वस्थ और प्रसन्न रहकर हलमा में भाग लेते है। अपने अपने घरों से रोटी, सब्जी, दाल लाते हैं मिलकर खाते हैं, यह भी अभ्यास इस वर्ग में होता है। वृक्ष लगाने की नवीन एवं प्राचीन विधियों पर चर्चा होती है। नये जंगलों को साकार करने के लिए झाबुआ अलीराजपुर जिले में परंपरागत पद्धति को मातावन और सावनमाता के नाम से पुकारा जाता है। इस वर्ग में मातावन के विकास करने का संकल्प साकार करने की भी प्रेरणा दी जाती है। यह प्रशिक्षण वर्ग अनिल अग्रवाल सिविल इंजीनियर भोपाल, संदीप नारुलकर प्रोफेसर एसजीएसआईटीएस इंदौर, परमेश्वर पाटीदार, विशेषज्ञ जैविक खेती पशुपालन, हर्ष चौहान संरक्षक एवं संस्थापक शिवगंगा।
विषय विशेषज्ञ-
राजाराम कटारा,भवरसिंह भयडिय़ा, विजेन्द्र अमलियार, हरिसिंह सिंगाड़,कृष्णा निनामा, राकेश भूरिया के मार्गदर्शन में चल रहा है।
प्रबंधक -सुखराम बीलवाल, सुरेश सिंह चूड़ावदिया, प्रकाश मखोडिय़ा के कुशल प्रबंधन में यह का वर्ग सुचारु रूप से चल रहा है।
)

Leave A Reply

Your email address will not be published.