प्रणय संबंधो में अक्सर युवा भावुक होंकर एक दूसरे के नाम का टैटू बनवाने का ट्रेंड काफी चलन में है। वैलेन्टाइन दे पर भी एक दूसरे के प्रति प्यार और समर्पण दिखाने हेतु युवा टेटू का सहारा लेते है । दुर्भाग्यवश ऐसे मामले भी सामने आ रहे है जहाँ ब्रेकअप के बाद या परिवार वालो के निर्देशों पर भी टेटू अनैच्छिक हो जाता है । और युवा अपने टेटू से निजात पाने की कोशिश करते हैं । ऐसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे है।वरिष्ठ त्वचा एवं सौंदर्य रोग विशेषज्ञ डॉ दिलीप हेमनानी ने इस बारे में बताते हुए कहा कि आजकल टेटू रिमूवल भी काफी युवा करवाने आने लगे है । इंदौर में भी काफी उन्नत लेसर तकनीक आ गयी है जो टेटू को हल्का या पूरी तरह से ठीक करने में कारगर है। पुरानी गोदना तकनीक से बनाये गए टेटू आसानी से हट जाते है परंतु प्रोफेशनल टेटू आर्टिस्ट द्वारा बनाये गए टेटू को हटाने में वक्त लगता है।साथ ही काले रंग ले टेटू रंगीन टेटू की अपेक्षा आसानी से मिट जाते है। टेटू बनवाने से ज्यादा जटिल इसके मिटाने की प्रक्रिया है। इसलोये डॉ हेमनानी सलाह देते है कि टेटू बनवाने के पहले काफी सोच समझ कर निर्णय लेना चाहिए ताकि बाद में पछतावा न हो। और अगर टेटू रिमूव ही करने हो तो इस हेतु प्रशिक्षित त्वचा एव सौंदर्य विशेषज्ञ की सलाह पर ही आधुनिक सक्षम उपकरणो के माध्यम से हटवाना चाहिए।
टैटू बनवाना जितना आसान,मिटाना बेहद कठिन
आवेग में लिए गए निर्णय कभी अच्छे नही होते हैं। ताउम्र की टीस और निशान दे जाते है टेटू।
टेटू बनवाना जितना कष्टदायी लगता है उससे बहुत अधिक दुखदायी हैं यह टेटू निकलवाना
प्रेम विश्वास के लम्हों को चिरंजीव बनाने प्रेमी युगल में से कोई भी नाम का या नाम जोड कर टेटू बनवा तो लेते है दर्द भी समेट लेते है।किंतु अलगाव होने पर दिल टूटता है और दिल पर बने जख्म तो नही दिखाई देते पर जिस्म पर बना टेटू हर पल याद दिलाता है और व्यक्ति उसे मिटाना चाहता है। एक घण्टे मे बने टेटू को निकालने मे 10 से 12 सिटींग्स लगती है और एक से दो साल का समय लगता है। हर सिटींग मे दर्द के दौर से गुजरना होता है ।
भावनाओ मे बह कर कभी टेटू ना बनवाए, क्योकि उसको निकालना, मिटाना बहुत कठिन और पेचिदा होता है यह बताया डाँ दिलीप हेमनानी ने। जब आप टेटू बनवाते है तब त्वचा की ऊपरी सतह पर आपको टेटू दिखाई देता है जब टेटू को मिटाना होता है तब त्वचा की एक लेयर पर नही बल्कि कई लेयर पर काम करना होता है ।
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