बे-मौसम महुआ पेड़ पर आने लगे फूल

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

जिले में महुआ पेड़ एक आर्थिक जीविका का पेड़ माना जाता है जिस पर मार्च माह में फूल आते हैं तथा जून-जुलाई तक फल भी आते हैं जिन्हें बेचकर ग्रामीण आर्थिक लाभ प्राप्त कर अपनी जीविका चलाते हैं। महुआ पेड़ अलीराजपुर जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में बहुतायत संख्या में पाए जाते हैं। वर्षों पूर्व जंगल तथा निजी जमीन पर लगे पेड़ हालाकि पुराने होते जा रहे हैं तथा नए पेड़ नाम मात्र के ही लगाए जा रहे हैं। यह पेड़ बहुमूल्य तथा बहु उपयोगी होता है फूल फल एवं लकड़ी के लिए जाना जाता है। पेड़ पर मार्च माह में फूल आते हैं जिन्हें ग्रामीण एकत्र कर सुख कर बेचते हैं तथा कई शराब भी बनाते हैं। मार्च माह में आने वाले फूल अभी कुछ महुआ पेड़ पर नवंबर माह के अंत में इस प्रतिनिधि को ग्रामीण क्षेत्र में भ्रमण के दौरान देखने को मिले जब ग्रामीणों से पूछा तो उन्होंने बताया कि यह बे-मौसम फुल प्रकृति द्वारा बंट बागलो (चिमगादड़ो) के खाने के लिए दिए जाते हैं । उन्हें ग्रामीण एकत्र नहीं करते हैं रात में उन्हें चमगादर खाते हैं ग्रामीण इसे किस नजर से देखते हैं मगर सामान्य शहरी लोगों को बेमौसम फूल आश्चर्यजनक लगते हैं।

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