बाजार में टमाटर बिक रहा 20 रुपए किलो, किसानों 20 किलो टमाटर के दिए जा रहे 60 रुपए, लागत भी नहीं मिलने से किसान परेशान

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जीवनलाल राठौड़, सारंगी
प्रदेश क मुखिया शिवराज सिंह चौहान खेती को लाभ का धंधा बनाना चाहते है। और अपने हर उद्बोधन में खुद को किसानों का हितेषी बताते है किन्तु वास्तविकता में झाबुआ जैस अदिवासी क्षेत्र के किसानों को इस साल अपनी फसल की लागत भी मिलना मुश्किल दिख रही है जिसके चलते किसान के चेहरे पर मायूसी के बादल मंडरा रहे है। इस बार टमाटर का उत्पादन करने वाले किसान की हालात अत्यंत ही दयनीय है।
क्या है मामला
किसानों को टमाटर की फसल का उचित दाम नहीं मिलने से क्षेत्र के किसान काफी निराश दिखाई दे रहे है। बाजार में तो टमाटर 20 रूपये किलो तक बिक रहा है लेकिन किसान से मात्र 2 रूपए किलों में ही खरीदा जा रहा है जिससे किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है। आखिर किसान के टमाटर की कीमत इतनी कम क्यों और बाजार में इतना भाव ज्यादा क्यों? इन परिस्थितियों से किसानों में नाराजगी व आक्रोश है। मंडी में मात्र 50 रूपए केरेट में किसानों के टमाटर बिक रहे है जबकि अभी टमाटर की आवक ही नहीं हैण् इस समय किसानों को टमाटर के भाव नहीं मिल रहे है जिससे किसानों में निराशा और आक्रोश है। पेटलावद क्षेत्र में टमाटर का सर्वाधिक उत्पादन होता हैए किंतु भाव नहीं मिलने से किसानों को इस बार पुन: टमाटर में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस बार क्षेत्र में टमाटर की फसल लगभग 1500 हेक्टयर क्षेत्र में बोया गया है। क्षेत्र के रायपुरिया की ओर से टमाटर की विशेष आवक रहती है। इन दिनों मंडी में टमाटर 50 रूपए से लेकर 60 रूपए केरेट तक भाव से लिए जा रहे है जबकि किसानों का 100 प्रति कैरेट का खर्च होता है। 1 केरेट में 22 से 25 किलों टमाटर आते है। टमाटर के भाव नहीं मिलने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। यदि किसान को समर्धन मूल्य पर 200 रूपए केरेट में टमाटर लिया जाए तो किसानों को नुकसान नहीं होगाण् किसानों का कहना है कि इस बार टमाटर की फसल अच्छी हुई है तो भाव में कमी क्यों रखी जा रही है।
आखिर क्यों नहीं दाम-
सबसे बड़ा प्रश्न है कि किसानों को टमाटर के दाम अच्छे क्यों नहीं मिल रहे है जबकि अभी तो टमाटर की आवक भी कम है और क्वालिटी भी अच्छी है। इन परिस्थितियों के बाद भी किसानों को उनकी फसल का दाम नहीं मिल रहा है जबकि वही टमाटर बाजार में 20 रूपए किलों मिल रहा है और किसान से मात्र 2रूपए किलों में खरीदा जा रहा है।
किसान संघ यूनियन ने उठाई आवाज
इस सबंध मे किसान संघ यूनियन के जिला महामंत्री जितेन्द्र पाटीदार बावडी ने बताया कि किसान युनियन के द्धारा सरकार को इस सबंध मे आवेदन देकर ध्यान आकर्षित करवाया गया है लेकिन सरकार ने इस और कोई ठोस कदम नही उठाया जिससे टमाटर उत्पादक किसान को भारी घाटा हो रहा है।
कागजों पर योजना
किसान गौरव मुलेवा का कहना है कि मेरे द्धारा 40 रूपये प्रति कैरेट के भाव से दिनांक 26 सितंबर को मैने 300 कैरैट टमाटर बेच अब 40 रूपये में लाभ तो नही मिल राह बल्कि मुझे घाटा हो रहा है। अमृतलाल पाटीदार का कहना है कि किसानों के लिए शासन की योजनायें केवल कागजों पर ही चल रही हैए इस समय टमाटर का भाव नहीं मिल रहा है जिससे किसान परेशान है। मजुदर दवाई ओर अन्य लागत का पैसा भी किसानो को नही मिल रहा हैं योजनाबद्व तरीके से टमाटर की फसल को समर्थन मूल्य दिलवाकर किसानों की सहायता की जा सकती है।

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