हरतालिका तीज पर सुशीला भाबर ने सुहागिनों को वितरित किए सोलह श्रृंगार

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
हरतालिका तीज का विशेष महत्व है। इस दिन गौरीशंकर की पूजा का विधान है मान्यता है कि हरतालिका तीज का व्रत करने से सुहागन महिला के पति की उम्र लंबी होती है। जबकि कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश में इस व्रत को किया जाता है। मध्यप्रदेश में इसे हरतालिका तीज भी कहते हैं।
हरतालीतीज का महत्व
सभी चीजों में हरतालिका तीज का विशेष महत्व हरतालिका तीज दो शब्दों से मिलकर बना है हरत और अलीका का हरत का मतलब अपहरण और आलीका यानी सहेली प्राचीन मान्यता के अनुसार मां पार्वती की सहेली ने उन्हें घने जंगलों में जाकर छुपा दिया था। ताकि पिता भगवान विष्णु मां पार्वती का का विवाह न कर पाए। सुहागन महिलाओं की हरतालिका तीज में गहरी आस्था है महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है मान्यता है कि इस व्रत को करने से शिव पार्वती का अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है और कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है।
34 मंदिरों में सोलह श्रृंगार सुहागनों को वितरित किए
भाजपा महिला मोर्चा की जिला प्रभारी एवं मेघनगर जनपद अध्यक्ष सुशीला प्रेम भाभर ने सुबह 8 बजे फुटतालाब बनेश्वर मारुति नंदन मंदिर, मदरानी में शिव मंदिर,खवासा में गायत्री मंदिर शिव मंदिर राम मंदिर, थांदला में गणेश मंदिर, शिव मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर इमली गणेश, रंभापुर में राम मंदिर परवलिया में शंकर मंदिर, मेघनगर में साईं मंदिर, शंकर मंदिर, गायत्री मंदिर कांटावाला हनुमान, काकनवानी में शंकर मंदिर पीपलखुटा व अन्य मंदिर में हरतालिका तीज के पावन पर्व पर सोलह श्रृंगार वितरित किए। इस अवसर पर भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष भानपुरिया, महिला मोर्चा की जिला मंत्री अर्चना शर्मा, मंडल अध्यक्ष मदरानी पार्वती गारी, मंडल अध्यक्ष खवासा मंजुला, रंभापुर की समाजसेवी प्रेमलता ओरा एवं काकनवानी में भानपुरिया धार्मिक व्रत आयोजन के कार्य में उपस्थित रही।

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