8 साल बाद ” IAS” रवि डफरिया के खिलाफ लगा परिवाद क्षेत्राधिकार के आधार पर निरस्त ; अदालत ने संबधित अदालत मे जाने को कहा

0

चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

झाबुआ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने झाबुआ के तत्कालीन अपर कलेक्टर ओर वत॔मान मे IAS के रुप मे भोपाल मे डिप्टी सेक्रेटरी गैस राहत के पद पर सेवाएं दे रहे रवि डफरिया के खिलाफ 8 साल पहले लगाऐ गये उस परिवाद को खारिज कर दिया जिसमे उनके झाबुआ के अपर कलेक्टर रहते अपने वाहन चालक ” नवलसिंह ” को जातिगत – शारीरिक ओर मानसिक प्रताडना देने ओर परिणामस्वरूप नवलसिंह के द्वारा सुसाइड कर लेने का आरोप था .. 8 साल चली सुनवाई के बाद झाबुआ की इस अदालत ने तय किया कि घटना के समय पारा अलीराजपुर जिले के बोरी थाने का हिस्सा था ओर मृतक ने पारा मे आत्महत्या की थी इसलिऐ यह मामला झाबुआ जिले की अदालत के क्षेत्राधिकार मे नही आयेगा । अपने आदेश मे परिवाद को निरस्त करते हुऐ कहा कि अगर मृतक नवलसिंह की पत्नी यानी परिवादिया अगर चाहे तो वह संबधित अदालत मे परिवाद दायर कर सकती है ।

यह था पूरा मामला

रवि डफरिया झाबुआ मे अपर कलेक्टर के पद पर 2007/08 मे पदस्थ थे ..इस दोरान उनका वाहन चलाने वाले नवलसिंह ने दिनांक 5 अप्रैल को आत्महत्या कर ली ..परिजनों ने एक पत्र भी यह कहते हुऐ प्रस्तुत किया था कि नवलसिंह को अपर कलेक्टर ने काम से हटा दिया था तथा वेतन भी नही दे रहे थे ओर जब वह रवि डफरिया से विनती करने आया कि साहब वेतन निकाल दो तो उसके साथ जातिगत अपशब्द कहकर मारपीट ओर गाली गलोच की गयी थी जिससे आहत होकर उसने सुसाइड कर लिया । परिवाद मृतक की पत्नी ने लगाया था जिसमे कुछ रवि डफरिया के बंगले ओर आफिस मे काम करने वाले गवाह थे ।

तकनीकी पेंच मे फंसा मामला

नवलसिंह की मोत का पूरा मामला एसपी झाबुआ के प्रतिवेदन से उलझ गया । दरअसल 17 मई 2008 को अलीराजपुर जिला बना था उस समय पारा कस्बा राजस्व की दृष्टि से झाबुआ जिले मे शामिल हुआ ओर पुलिस की दृष्टि से वह अलीराजपुर जिले के बोरी थाने का हिस्सा था ..हालांकि कानूनी मामले झाबुआ कोट॔ मे ही पेश होते थे ..नवलसिंह की मोत की शिकायत अजाक थाना झाबुआ मे हुई थी जो उस समय दोनो जिलों का सयुक्त थाना था ..लेकिन कोट॔ मे झाबुआ झाबुआ द्वारा अपने प्रतिवेदन क्रमाक 59 /10 दिनांक 21 जनवरी 2011 ओर एसपी झाबुआ के प्रतिवेदन दिनांक दिनांक 14 /2 /2011 द्वारा कोट॔ को बताया गया कि ग्राम पारा थाना बोरी जिला अलीराजपुर का हिस्सा है ।

अब आगे क्या ?

इस मसले मे खुद कोट॔ ने कहा है कि अगर परिवादिया चाहे तो अलीराजपुर जिले के संबधित न्यायालय मे परिवाद प्रस्तुत कर सकती है लेकिन परिवादिया के अभिभाषक हनीफ़ शेख ने बताया कि वे झाबुआ की उच्च अदालत मे झाबुआ कोट॔ के क्षेत्राधिकार का हवाला देकर अपील करेंगे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.