परशुराम की गौरवमयी शौर्य गाथा के प्रचार-प्रसार के निकली रथ यात्रा का किया भव्य स्वागत

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थांदलारोड़

– ब्रम्ह परशुराम अखाड़ा व प्रतिष्टित ब्राम्हण संगठनों द्वारा आचार्य राजेश्वर के नेतृत्व में भगवान परशुराम की गौरवमयी शौर्य गाथा का सम्पूर्ण भारत मे प्रचार-प्रसार के लिए व सर्व ब्राम्हण को एक कर एक मजबूत संगठन के निमार्ण के लिए की जा रही श्री परशुराम यात्रा का जो कि सम्पूर्ण भारत भ्रमण पर है| यात्रा का प्रारंभ 5 मार्च 2017 लोहार्गल धाम, झुंझन, राजस्थान से हुआ है जिसमे बताया जा रहा है कि यह यात्रा करीब 3 वर्ष तक चलेगी व करीब 1 लाख 11 हजार कि. मी. की ये एक लंबी यात्रा है व इतनी लंबी यात्रा सायद ही अभी तक तय की गई होगी। यात्रा का थांदलारोड़ आगमन पर पत्रकार भवन पर श्री हरीश कुमार दीक्षित, श्री सतीश दीक्षित, श्री मनीष दीक्षित, श्री दिलीप जोशी, श्री हेमेन्द्र शर्मा, प्रवीर जोशी, अजय शर्मा, पवन जोशी, करण दीक्षित, आदित्य अमलियार, जितेन्द्र पाल व महिलाओं में श्रीमती उषा दीक्षित, श्रीमती अनिता पाल, श्रीमती आशा पाल, श्रीमती अनिता शर्मा, कु. वंशिका पाल, कु. किट्टू दीक्षित व अन्य गांव के नागरिकों ने आचार्य राजेश्वर जी का स्वागत किया इसके बाद रथ में रखी भगवान परशुराम जी की प्रतिमा को पुष्प अर्पित कर उनकी आरती की गई।
यात्रा का उद्देश्य :- श्री परशुराम यात्रा का उद्देश्य सम्पूर्ण भारत मे निवास करने वाले ब्राम्हण बंधुओ तक भगवान परशुराम के जीवन चरित्र व उपदेशों की जानकारी का प्रचार प्रसार करना है, ताकि समाज की आने वाली व वर्तमान पीढ़ीया, ब्राह्मणों को पुनर्गठित कर उनके सम्मान को पुनर्स्थापित करने वाले अपने आराध्य श्री परशुराम जी के बारे में जान सके। इसके साथ ही भारत के विभिन्न भागों में बसने वाले विप्र बंधुओं को एक दूसरे के संपर्क में लाकर एकजुट करना व ब्राह्मण बंधु हेल्पलाइन की स्थापना करना भी इस यात्रा का उद्देश्य है। यात्रा में प्रसिद्ध कथा वक्ता व “ब्रह्म परशुराम अखाड़ा” के अध्यक्ष आचार्य राजेश्वर भारत के 687 जिला व 4000 तहसील मुख्यालयों व 7000 गांव में भगवान परशुराम जी के जीवन चरित्र उनके द्वारा किए गए जन कल्याणकारी कार्यों व उनकी गौरवमय शौर्य गाथा गान प्रवचन के रूप में करेंगे। यात्रा का समापन कुरुक्षेत्र, हरियाणा में होगा।

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