15 वर्षीय कुरआन हाफिज पढ़ा रहे तरवीह की नमाज

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इरशाद खान, बरझर
नेमतों का महीना माहे रमजान मुबारक 17 मई से शुरू हो गया। बोहरा व मुस्लिम समाज के लोगों इस पाक महीने मे रोजे रखकर खुदा की बंदगी करने में मशगुल है। इस पाक महीने में अल्लाह की इबादत कर बंदा अपने रब से गुनाहों से तौबा करता है व रहमतों की भीख मागता है। माहे रमजान शरीफ में अल्लाह ने अपने बंदो के लिए एक विषेश नमाज तोहफे में दी है, जिसे तरावीह के रूप में इशा के वक्त अदा की जाती है। इस विशेष नमाज को पढ़ाने के लिए ग्राम बरझर की जामा मस्जिद में उत्तरप्रदेश के शाहपुर से 15 साल के कुरान हाफिज मोहम्मद हसन रजा दारूल उलुम मदरसा हुज्जतुल इस्लाम के हाफिज कुरआन के पहले पारे से 30 पारे तक तरावीह की नमाज अदा करवाएंगे। यह 30 पारे 27वीं शब यानी शबेकद्र को मुकम्मल होंगे। समाज के लोगों के लिए जो माहे रमजान में इतनी कम उम्र में कोई कुरान ने हाफिज विशेष नमाज तरावीह की पढ़ा रहा है। छोटी उम्र मे कुरान हाफिज की विशेष नमाज को पढऩे के लिए समाज के लोग बड़ी संख्या मे मस्जिद में आकर तरावीह की नमाज अदा कर रहे हैं।

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