पुरुषोत्म मास में सात भागवत पौथियों का जुलूस निकाला

May

हरीश राठौड़, पेटलावद
पुरुषों में उत्तम पुरूष में हूं और मास में सबसे उत्तम मास पुरूषोत्तम मास है। इस माह में किया गया दान,पुण्य और जप तप का फल अधिक मिलता है। इसलिए इसे अधिक मास कहते है। यह मास केवल भगवान की भक्ति के लिए होता है इसमें जो पुण्य लाभ कमाले वह सदा के लिए स्थाई हो जाता है। इसलिए हमें इस अवसर को खाली नहीं जाने देना चाहिए और इसका पूरा लाभ भक्ति मार्ग पर चलते हुए उठाना चाहिए। उक्त बात भागवत सप्ताह के दरमियान प्रवचन करते हुए पं.नरेंद्र नंदन दवे द्वारा व्यक्त किए गए। वे स्थानीय उदय गार्डन में अधिकमास के प्रारंभ होने पर भागवत कथा का वाचन कर रहे है, जहां पर सात पं. उस भागवत का पारायण भी कर रहे है और पं. दवे द्वारा संगीतमय भागवत कथा का लाभ श्रोताओं को दिया जा रहा है। कथा के प्रथम दिन श्रद्वालुओं द्वारा सातों भागवत की पौथियों को सम्मान से जुलूस के रूप में कथा स्थल पर लाया गया जिस दरमियान श्रद्वालुओं ने नाचते भजन गाते हुए जुलूस का लाभ लिया। इसके साथ ही कथा के दूसरे दिन पं. दवे ने बताया कि भागवत कलयुग से तारने का द्वार है और अधिक मास में इसका श्रवण और पाठन महान पुण्य दायक है। इसके साथ ही धुंधकारी और गौकर्ण की कथा का वृतांत सुनाया। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में भक्त कथा का लाभ ले रहे है.