झाबुआ लाइव डेस्क । आखिरकार तीन साल बाद जाकर मेघनगर की नम्रता डामोर को न्याय मिलने की राह खुली है नम्रता के परिजन तीन सालो से नम्रता की मौत को हत्या करार दे रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री सहित प्रदेश की पुलिस इसे हत्या ना मानकर केस बंद कर चुकी थी लेकिन आज सीबीआई ने भोपाल मे नम्रता की मौत को हत्या मानकर एक एफआईआर धारा 302 मे दज॔ कर ली ओर इसी के साथ नम्रता डामोर केस एक मड॔र मिष्टी मे तबदील हो गया जिसकी पूरी जांच सीबीआई करेगी ओर आरोपीयो को पकडकर जेल की हवा खिलायेगी ।
अक्षयसिंह बने कारण—
एक पत्रकार मर कर भी लोगो को न्याय दिलवा सकता है यह बात आजतक के पत्रकार अक्षयसिंह की मौत से साबित होती है दरअसल अक्षयसिंह नम्रता की मौत की वजह तलाशने ही नम्रता के घर 4 जुलाई को पहुंचे थे लेकिन वही दस्तावेज देखते देखते उनकी जान चली गई । इसके बाद अक्षयसिंह की मौत से जुडे मामले मे नैशनल मीडिया ने जो हो हल्ला मचाया उससे व्यापमं ओर नम्रता डामोर इश्यू ग्लोबल हो गया ओर सुप्रीमकोट॔ को सीबीआई जांच आड॔र करनी पडी ।
अब होगी कईयों से पूछताछ —
नम्रता मामले को हत्या मानकर सीबीआई अब उसके एडमिशन से लेकर उसके कालेज परिवर्तन ओर काल डिटेल से लेकर व्यापमं सरगनाओ की भूमिका की जांच मय सबूत करेगी । सीबीआई के अधिकारी कहते है कि नम्रता की मौत से किसे किस तरह का फायदा हो सकता था यह जांच का विषय है ।
‘ ” मै तो तीन सालो से यह कह रहा हुं कि मेरी बेटी की हत्या हुई थी पर पुलिस ओर उसकी एजेंसी मानने को तैयार नही थी अब सीबीआई ने माना है मुझे उम्मीद है नम्रता को अब न्याय मिलेगा — मेहताब सिंह डामोर, नम्रता के पिता ।